भवानीप्रसाद मिश्र
जन्म | 29 मार्च 1913 |
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निधन | 1985 |
जन्म स्थान | मध्य प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
गीत फरोश, चकित है दुख, गाँधी पंचशती, अँधेरी कविताएँ, बुनी हुई रस्सी , व्यक्तिगत, खुशबू के शिलालेख, परिवर्तन जिए, त्रिकाल संध्या, अनाम तुम आते हो, इदंन मम्, शरीर कविता फसलें और फूल, मान-सरोवर दिन, संप्रति, नीली रेखा तक, कालजयी। | |
विविध | |
1972 में " बुनी हुई रस्सी " नामक रचना के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मान और पुरस्कार से से विभूषित। | |
जीवन परिचय | |
भवानीप्रसाद मिश्र / परिचय |
कविता संग्रह
- व्यक्तिगत / भवानीप्रसाद मिश्र (कविता संग्रह)
- शरीर कविता फसलें और फूल / भवानीप्रसाद मिश्र (कविता संग्रह)
- त्रिकाल संध्या / भवानीप्रसाद मिश्र (कविता संग्रह)
- कालजयी / भवानीप्रसाद मिश्र (खण्ड-काव्य)
प्रतिनिधि रचनाएँ <sort order="asc" class="ul">
- मैं जो हूँ / भवानीप्रसाद मिश्र
- ऐसा हो जाता है / भवानीप्रसाद मिश्र
- ऐसा भी होगा / भवानीप्रसाद मिश्र
- कमल के फूल / भवानीप्रसाद मिश्र
- जूही ने प्यार किया / भवानीप्रसाद मिश्र
- मेरा अपनापन / भवानीप्रसाद मिश्र
- धरती का पहला प्रेमी / भवानीप्रसाद मिश्र
- अच्छा अनुभव / भवानीप्रसाद मिश्र
- श्रम की महिमा / भवानीप्रसाद मिश्र
- दरिंदा / भवानीप्रसाद मिश्र
- जाहिल के बाने / भवानीप्रसाद मिश्र
- चार कौए उर्फ चार हौए / भवानीप्रसाद मिश्र
- आराम से भाई ज़िन्दगी / भवानीप्रसाद मिश्र
- बेदर्द / भवानीप्रसाद मिश्र
- सन्नाटा / भवानीप्रसाद मिश्र
- अब के / भवानीप्रसाद मिश्र
- तुमने जो दिया है / भवानीप्रसाद मिश्र
- कहीं नहीं बचे / भवानीप्रसाद मिश्र
- झुर्रियों से भरता हुआ / भवानीप्रसाद मिश्र
- वस्तुतः / भवानीप्रसाद मिश्र
- नहीं बनेगा / भवानीप्रसाद मिश्र
- मैं तैयार नहीं था / भवानीप्रसाद मिश्र
- बुनी हुई रस्सी / भवानीप्रसाद मिश्र
- वाणी की दीनता / भवानीप्रसाद मिश्र
- गीत-फ़रोश / भवानीप्रसाद मिश्र
- सतपुड़ा के जंगल / भवानीप्रसाद मिश्र
- पानी वर्षा री / भवानीप्रसाद मिश्र
- बूँदें टपकी नभ से / भवानीप्रसाद मिश्र
- पूछना है / भवानी प्रसाद मिश्र
- कठपुतली / भवानी प्रसाद मिश्र
- सुख का दुख / भवानीप्रसाद मिश्र
- भारतीय समाज / भवानीप्रसाद मिश्र
- आमीन , गुलाब पर ऐसा वक्त कभी न आये / भवानीप्रसाद मिश्र
- इसे जगाओ / भवानीप्रसाद मिश्र
- समयगंधा / भवानीप्रसाद मिश्र
- साल शुरू हो, साल खत्म हो ! / भवानीप्रसाद मिश्र
- तार के खंभे / भवानीप्रसाद मिश्र
- सूरज का गोला / भवानीप्रसाद मिश्र
- पहली बातें / भवानीप्रसाद मिश्र
- आषाढ़ का पहला दिन / भवानीप्रसाद मिश्र
- अबके / भवानीप्रसाद मिश्र
- तारों से भरा आसमान ऊपर / भवानीप्रसाद मिश्र
- लाओ अपना हाथ / भवानीप्रसाद मिश्र
- घर की याद / भवानीप्रसाद मिश्र
- अपमान / भवानीप्रसाद मिश्र
- उठो / भवानीप्रसाद मिश्र
- तुम कागज पर लिखते हो / भवानीप्रसाद मिश्र
- स्वागत में / भवानीप्रसाद मिश्र
- यह कर्जे की चादर जितनी ओढ़ो उतनी कड़ी शीत है / भवानीप्रसाद मिश्र
- सतपुड़ा के घने जंगल / भवानीप्रसाद मिश्र
- स्नेह-पथ / भवानीप्रसाद मिश्र
- महारथी / भवानीप्रसाद मिश्र
- लफ्फा़ज़ मैं बनाम निराला / भवानीप्रसाद मिश्र
- मैं क्यों लिखता हूँ / भवानीप्रसाद मिश्र
- सुबह हो गई है / भवानीप्रसाद मिश्र
- हँसी आ रही है / भवानीप्रसाद मिश्र
- मैं क्या करूँगा / भवानीप्रसाद मिश्र
- मैंने पूछा / भवानीप्रसाद मिश्र
- मैं / भवानीप्रसाद मिश्र
- बह नहीं रहे होंगे / भवानीप्रसाद मिश्र
- कुछ सूखे फूलों के / भवानीप्रसाद मिश्र
- तुम भीतर / भवानीप्रसाद मिश्र
- मुझे अफ़सोस है / भवानीप्रसाद मिश्र
- सुनाई पड़ते हैं / भवानीप्रसाद मिश्र
- एक क्षण के लिए / भवानीप्रसाद मिश्र
- जैसा दिखता है / भवानीप्रसाद मिश्र
- उस दिन / भवानीप्रसाद मिश्र
- एक बहुत ही तन्मय चुप्पी / भवानीप्रसाद मिश्र
- तुम नहीं समझोगे / भवानीप्रसाद मिश्र
- अँधेरी रात / भवानीप्रसाद मिश्र
- धुँधला है चन्द्रमा / भवानीप्रसाद मिश्र
- चाँदनी से तरबतर / भवानीप्रसाद मिश्र
- बहुत छोटी जगह / भवानीप्रसाद मिश्र
- सागर से मिलकर / भवानीप्रसाद मिश्र
- मेरे वृन्त पर / भवानीप्रसाद मिश्र
- असंदिग्ध एक उजाला / भवानीप्रसाद मिश्र
- अपने आपमें / भवानीप्रसाद मिश्र
- क्या हर्ज़ है / भवानीप्रसाद मिश्र
- काफ़ी दिन हो गए / भवानीप्रसाद मिश्र
- शून्य होकर / भवानीप्रसाद मिश्र
- अधूरे ही / भवानीप्रसाद मिश्र
- जैसे याद आ जाता है / भवानीप्रसाद मिश्र
- तुम्हारी ओर से / भवानीप्रसाद मिश्र
- आसमान ख़ुद / भवानीप्रसाद मिश्र
- कोई सागर नहीं है / भवानीप्रसाद मिश्र
- चिकने लम्बे केश / भवानीप्रसाद मिश्र
- साधारण का आनन्द / भवानीप्रसाद मिश्र
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