कई-कई यात्राएँ
रचनाकार | सुरेन्द्र स्निग्ध |
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प्रकाशक | पुस्तक भवन, नई दिल्ली |
वर्ष | 1998 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | मुक्त छन्द कविता। |
पृष्ठ | 80 |
ISBN | |
विविध |
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इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
सागर की लहरोंं पर तनी हुई चान्दनी
- चान्द की पूरी रात में / सुरेन्द्र स्निग्ध
- थिरकता हुआ हरापन / सुरेन्द्र स्निग्ध
- सागर-स्नान - 1 / सुरेन्द्र स्निग्ध
- सागर-स्नान - 2 / सुरेन्द्र स्निग्ध
- शब्द और रंग - 1 / सुरेन्द्र स्निग्ध
- शब्द और रंग - 2 / सुरेन्द्र स्निग्ध
- एक उजली हँसी / सुरेन्द्र स्निग्ध
- मछलियाँ मनाती हैं अवकाश / सुरेन्द्र स्निग्ध
- संगीत का जाल / सुरेन्द्र स्निग्ध
- डोंगी / सुरेन्द्र स्निग्ध
मौत की दुर्गम अन्धेरी घाटियों में फूल अनगिन प्यार के
- फूल अनगिन प्यार के / सुरेन्द्र स्निग्ध
- इन्हीं फूलों के लिए / सुरेन्द्र स्निग्ध
- साँसों के धागे / सुरेन्द्र स्निग्ध
- अभी तो लौट जा / सुरेन्द्र स्निग्ध
- उपहार / सुरेन्द्र स्निग्ध
- अगस्त के बादल / सुरेन्द्र स्निग्ध
- तुम हो बादल, तुम बरस रही हो / सुरेन्द्र स्निग्ध
- निरन्तर बज रहा हूँ / सुरेन्द्र स्निग्ध
- रोशनियों का सैलाब / सुरेन्द्र स्निग्ध
- देह का संगीत / सुरेन्द्र स्निग्ध
- जीवन का अस्तित्व / सुरेन्द्र स्निग्ध
- कर ले मौत प्रतीक्षा / सुरेन्द्र स्निग्ध
- पहाड़, जंगल, जलस्रोत और अपना प्यार / सुरेन्द्र स्निग्ध
- सपनों का रंग-बिरंगा मौसम / सुरेन्द्र स्निग्ध
- हमारा प्यार / सुरेन्द्र स्निग्ध
अग्नि की इस लपट से कैसे बचाऊँ कोमल कविता