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गीतावली/ तुलसीदास / पृष्ठ 3
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दुलार
- सुभग सेज सोभित कौसिल्या रुचिर राम-सिसु गोद लिये / तुलसीदास
 - ह्वै हौ लाल कबहिं बड़े बलि मैया / तुलसीदास
 - चुपरि उबटि अनाहवाइकै नयन आँजे / तुलसीदास
 - आजु अनरसे हैं भोरके, पय पियत न नीके / तुलसीदास
 - या सिसुके गुन नाम-बड़ाई / तुलसीदास
 - अवध आजु आगमी एकु आयो / तुलसीदास
 - पौढ़िये लालन, पालने हौं झुलावौं / तुलसीदास
 - कनक-रतनमय पालनो रच्यो मनहुँ मार-सुतहार / तुलसीदास
 - पालने रघुपति झुलावै / तुलसीदास
 - झूलत राम पालने सोहैं / तुलसीदास
 - राजत सिसुरूप राम सकल गुन-निकाय-धाम / तुलसीदास
 - आँगन फिरत घुटुरुवनि धाए / तुलसीदास
 - रघुबर बाल छबि कहौं बरनि / तुलसीदास
 - भूमितल भूपके बड़े भाग / तुलसीदास
 - छँगन मँगन अँगना खेलत चारु चार्यो भाई / तुलसीदास
 - आँगन खेलत आनँदकन्द / तुलसीदास
 - ललित सुतहि लालति सचु पाये / तुलसीदास
 - छोटी छोटी गोड़ियाँ अँगुरियाँ छबीलीं छोटी / तुलसीदास
 - सोहत सहज सुहाये नैन / तुलसीदास
 - भोर भयो जागहु, रघुनन्दन / तुलसीदास
 - प्रात भयो तात, बलि मातु बिधु-बदनपर / तुलसीदास
 - जागिये कृपानिधान जानराय रामचन्द्र / तुलसीदास
 - बिलखित कुमुदनि, चकोर, चक्रवाक हरष भोर / तुलसीदास
 - खेलन चलिये आनँदकन्द / तुलसीदास
 - बिहरत अवध-बीथिन राम / तुलसीदास
 - जैसे राम ललित तैसे लोने लषन लालु / तुलसीदास
 - ललित-ललित लघु-लघु धनु-सर कर / तुलसीदास
 - छोटिऐ धनुहियाँ, पनहियाँ पगनि छोटी / तुलसीदास
 - राम-लषन इक ओर, भरत-रिपुदवन लाल इक ओर भये / तुलसीदास
 - खेलि खेल सुखेलनिहारे / तुलसीदास
 
	
	