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राज़िक़ अंसारी
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राज़िक़ अंसारी
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जन्म | |
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विविध | |
जीवन परिचय | |
राज़िक़ अंसारी / परिचय |
ग़ज़लें
- हमारे मिलने का एक रस्ता बचा हुआ है / राज़िक़ अंसारी
- दिखाए वक़्त ने पथराव इतने / राज़िक़ अंसारी
- प्यास बिखरी हुई है बस्ती में / राज़िक़ अंसारी
- हमारा मक़सद अगर सफ़र है तवील करना / राज़िक़ अंसारी
- इधर उधर जो चराग़ टूटे पड़े हुए हैं / राज़िक़ अंसारी
- मुझ से कहता है जिस्म हारा हुआ / राज़िक़ अंसारी
- बात जब मेरी निकाली गई है / राज़िक़ अंसारी
- आतिशे ग़म से गुज़रता रोज़ हूँ / राज़िक़ अंसारी
- मेरी तन्हाई मेरा जुनूं और मैं / राज़िक़ अंसारी
- इमारत एक आलीशान है दिल / राज़िक़ अंसारी
- मैं जब रिश्तों को लड़ते देखता हूं / राज़िक़ अंसारी
- चलो चल कर वहीं पर बैठते हैं / राज़िक़ अंसारी
- दिल की रंगीनियों से वाक़िफ़ हैं / राज़िक़ अंसारी
- बतलाते हैं सारे मंज़र ख़ुश हैं सब / राज़िक़ अंसारी
- आंसू अपनी चश्मे तर से निकलें तो/ राज़िक़ अंसारी
- हमारा सर जो होता ख़म कहीं पर / राज़िक़ अंसारी
- अभी में लौटा हूँ अपने भाई को दफ़्न कर के / राज़िक़ अंसारी
- यादों ने क्या ज़ुल्म किए दिल जानता है / राज़िक़ अंसारी
- रोज़ कहता है मुझे चल दश्त में / राज़िक़ अंसारी
- लोग करने लगे जवाब तलब / राज़िक़ अंसारी
- खुले में छोड़ रखा है मगर सलीक़े से / राज़िक़ अंसारी
- आज कुछ फ़रमान है कल और कुछ / राज़िक़ अंसारी
- जो रिश्तों के बीच में डर फैलाते हैं / राज़िक़ अंसारी
- कर चुके हम फ़ैसला अब कुछ भी हो / राज़िक़ अंसारी
- / राज़िक़ अंसारी
- / राज़िक़ अंसारी
- / राज़िक़ अंसारी