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भीगी पलकें / ईश्वरदत्त अंजुम
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भीगी पलकें
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रचनाकार | ईश्वरदत्त अंजुम |
---|---|
प्रकाशक | दर्पण पुब्लिकेशन्स |
वर्ष | 2010 |
भाषा | हिंदी |
विषय | शायरी |
विधा | ग़ज़ल |
पृष्ठ | 112 |
ISBN | |
विविध |
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इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- शबाब ललित / भीगी पलकें / ईश्वरदत्त अंजुम
- आज़ाद गुरदासपुरी / भीगी पलकें / ईश्वरदत्त अंजुम
- हसीब सोज़ / भीगी पलकें / ईश्वरदत्त अंजुम
- शोभा पाराशर / भीगी पलकें / ईश्वरदत्त अंजुम
- राजेन्द्र नाथ रहबर / भीगी पलकें / ईश्वरदत्त अंजुम
- तुमको रोना है तो महफ़िल न सजा कर रोना / ईश्वरदत्त अंजुम
- शाम उतरी तो शाम के साए / ईश्वरदत्त अंजुम
- तकती रहती है सूए-दर मुझको / ईश्वरदत्त अंजुम
- जब क़दम आसमान में रखना / ईश्वरदत्त अंजुम
- वक़्ते-रुख़्सत आंख से आंसू नहीं बहने दिया / ईश्वरदत्त अंजुम
- खदशों में, वसवतों में बसर कर रहे हैं हम / ईश्वरदत्त अंजुम
- नामाबर भी न मोतबर निकला / ईश्वरदत्त अंजुम
- रंग के, रूप के, जवानी के / ईश्वरदत्त अंजुम
- छोटी सी झोंपड़ी हो या ख़स्ता मकां रहे / ईश्वरदत्त अंजुम
- बेख़ुदी का पयाम है शिमला / ईश्वरदत्त अंजुम
- कोई मौसम हमेशा ही कभी इक नहीं रहता / ईश्वरदत्त अंजुम
- कभी तो तीरगी में हैं कभी सहर में हैं / ईश्वरदत्त अंजुम
- राह तकती ही रह गयीं आंखें / ईश्वरदत्त अंजुम
- मौसम के बदलने से हालात न बदलेंगे / ईश्वरदत्त अंजुम
- कल का बचपन झंझोड़ता है मुझे / ईश्वरदत्त अंजुम
- जाने वाले कोई अनमोल निशानी दे जा / ईश्वरदत्त अंजुम
- ग़म रसीदा बहार है दुनिया / ईश्वरदत्त अंजुम
- आदमी वो भला नहीं होता / ईश्वरदत्त अंजुम
- अश्क़ों की बुहतात हुई है / ईश्वरदत्त अंजुम
- प्यार मुझ को सभी से मिलता है / ईश्वरदत्त अंजुम
- एक जाए-अमान बाक़ी है / ईश्वरदत्त अंजुम
- खुद नहीं आये न भेजा कोई पैग़ाम तक / ईश्वरदत्त अंजुम
- शब अंधेरी है रौशनी लाओ / ईश्वरदत्त अंजुम
- ग़म दे के मुझे आपने बख्शी है ज़िन्दगी / ईश्वरदत्त अंजुम
- कल तक थी जो आमादा-ए-ईसार निगाहें / ईश्वरदत्त अंजुम