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एक और दिन / अवतार एन गिल

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एक और दिन
Ek our din.jpg
रचनाकार अवतार एनगिल
प्रकाशक राजेश प्रकाशन,

जी-5 / 62 अर्जुन नगर, दिल्ली-110051

वर्ष 2002
भाषा हिन्दी
विषय कविताएँ
विधा
पृष्ठ 80
ISBN
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1. तंग जूतों में पाँव

2. एक और दिन( एक और दिन दिया मैने हरा )

3. तेरी गठरी में लागा चोर( अब पता चला कि गठरी में भी हूँ और उसके पीछे लगा चोर भी)

4. मौत के नाम ख़त(जाने कब किस मोड़ पर किस भेस में मिल जाए बहरूपिया)