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रैदास
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रैदास, रविदास
जन्म | 1398 |
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निधन | 1448 |
उपनाम | |
जन्म स्थान | काशी, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
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विविध | |
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जीवन परिचय | |
रैदास / परिचय |
पदावली
- परचै राम रमै जै कोइ / रैदास
- अब मैं हार्यौ रे भाई / रैदास
- गाइ गाइ अब का कहि गाऊँ / रैदास
- राम जन हूँ उंन भगत कहाऊँ / रैदास
- अब मोरी बूड़ी रे भाई / रैदास
- तेरा जन काहे कौं बोलै / रैदास
- भाई रे भ्रम भगति सुजांनि / रैदास
- त्यूँ तुम्ह कारनि केसवे / रैदास
- आयौ हो आयौ देव तुम्ह सरनां / रैदास
- भाई रे रांम कहाँ हैं मोहि बतावो / रैदास
- ऐसौ कछु अनभै कहत न आवै / रैदास
- अखि लखि लै नहीं / रैदास
- नरहरि चंचल मति मोरी / रैदास
- राम बिन संसै गाँठि न छूटै / रैदास
- तब राम राम कहि गावैगा / रैदास
- संतौ अनिन भगति / रैदास
- ऐसी भगति न होइ रे भाई / रैदास
- भगति ऐसी सुनहु रे भाई / रैदास
- अब कुछ मरम बिचारा / रैदास
- नरहरि प्रगटसि / रैदास
- त्यू तुम्ह कारन केसवे / रैदास
- गौब्यंदे भौ जल / रैदास
- कहा सूते मुगध नर / रैदास
- कांन्हां हो जगजीवन / रैदास
- सेई मन संमझि / रैदास
- है सब आतम सोयं / रैदास
- कोई सुमार न देखौं / रैदास
- पहलै पहरै रैंणि / रैदास
- देवा हम न पाप / रैदास
- या रमां एक तूं दांनां / रैदास
- अब हम खूब बतन / रैदास
- राम गुसईआ जीअ के जीवना / रैदास
- सगल भव के नाइका / रैदास
- मो सउ कोऊ न कहै समझाइ / रैदास
- मरम कैसैं पाइबौ रे / रैदास
- जीवत मुकंदे मरत मुकंदे / रैदास
- साध का निंदकु कैसे तरै / रैदास
- केसवे बिकट माया तोर / रैदास
- बरजि हो बरजि बीठल / रैदास
- रांमहि पूजा कहाँ चढ़ँऊँ। / रैदास
- बंदे जानि साहिब गनीं / रैदास
- सु कछु बिचार्यौ ताथैं / रैदास
- माधौ संगति सरनि तुम्हारी / रैदास
- माधौ अविद्या हित कीन्ह / रैदास
- देहु कलाली एक पियाला / रैदास
- तुझहि चरन अरबिंद / रैदास
- हरि हरि हरि हरि हरि हरि हरे / रैदास
- माटी को पुतरा कैसे नचतु है / रैदास
- भाई रे सहज बन्दी लोई / रैदास
- ऐसी मेरी जाति भिख्यात चमारं / रैदास
- पार गया चाहै सब कोई / रैदास
- बपुरौ सति रैदास कहै / रैदास
- इहै अंदेसा सोचि जिय मेरे / रैदास
- रांम राइ का कहिये यहु ऐसी / रैदास
- रे मन माछला संसार समंदे / रैदास
- रे चित चेति चेति अचेत काहे / रैदास
- रथ कौ चतुर चलावन हारौ / रैदास
- जो तुम तोरौ रांम मैं नहीं तोरौं / रैदास
- किहि बिधि अणसरूं रे / रैदास
- माधवे का कहिये भ्रम ऐसा / रैदास
- माधौ भ्रम कैसैं न बिलाइ / रैदास
- मन मेरे सोई सरूप बिचार / रैदास
- जिनि थोथरा पिछोरे कोई / रैदास
- न बीचारिओ राजा राम को रसु / रैदास
- हरि हरि हरि न जपहि रसना / रैदास
- माधवे तुम न तोरहु तउ हम नहीं तोरहि / रैदास
- प्रानी किआ मेरा किआ तेरा / रैदास
- चमरटा गाँठि न जनई / रैदास
- पांडे कैसी पूज रची रे / रैदास
- तुझा देव कवलापती सरणि आयौ / रैदास
- मेरी प्रीति गोपाल सूँ जिनि घटै हो / रैदास
- कौंन भगति थैं रहै प्यारे पांहुनौं रे / रैदास
- जयौ रांम गोब्यंद बीठल बासदेव / रैदास
- मैं का जांनूं देव मैं का जांनू / रैदास
- त्राहि त्राहि त्रिभवन पति पावन / रैदास
- जन कूँ तारि तारि तारि तारि बाप रमइया / रैदास
- हउ बलि बलि जाउ रमईया कारने / रैदास
- नामु तेरो आरती भजनु मुरारे / रैदास
- अहो देव तेरी अमित महिमां, महादैवी माया / रैदास
- क्या तू सोवै जणिं दिवांनां / रैदास
- खांलिक सकिसता मैं तेरा / रैदास
- जो मोहि बेदन का सजि आखूँ / रैदास
- ताथैं पतित नहीं को अपांवन / रैदास
- तू जानत मैं किछु नहीं भव खंडन राम / रैदास
- जिह कुल साधु बैसनो होइ / रैदास
- गोबिंदे तुम्हारे से समाधि लागी / रैदास
- नहीं बिश्रांम लहूँ धरनींधर / रैदास
- / रैदास
- / रैदास
- / रैदास
- / रैदास
- / रैदास
- / रैदास
- / रैदास