भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

घर अकेला हो गया / मुनव्वर राना

Kavita Kosh से
Shrddha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:27, 1 नवम्बर 2009 का अवतरण

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

घर अकेला हो गया
Ghar akelaa ho gayaa.jpg
रचनाकार मुनव्वर राना
प्रकाशक वाणी प्रकाशन,

21- ए , दरिया गंज नई दिल्ली 110002

वर्ष 2008
भाषा हिन्दी
विषय
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 136
ISBN 978-81-8143-978-9
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।