भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बाबू महेश नारायण" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
 
|उपनाम=
 
|उपनाम=
 
|जन्म=1858  
 
|जन्म=1858  
|जन्मस्थान=पटना
+
|जन्मस्थान=पटना, बिहार, भारत
|मृत्यु=1 अगस्त 1907
+
|मृत्यु=01 अगस्त 1907
 
|कृतियाँ=स्वप्न (लम्बी कविता)
 
|कृतियाँ=स्वप्न (लम्बी कविता)
 
|विविध='स्वप्न' शीर्षक कविता खड़ी बोली हिन्दी में रचित पहली लम्बी कविता है, जिसे सबसे पहले पटना के हिन्दी साप्ताहिक पत्र 'बिहार बन्धु' ने 13 अक्तूबर 1881 से 15 दिसम्बर 1881 तक धारावाहिक प्रकाशित किया था। हिन्दी में मुक्त छंद का प्रयोग सबसे पहले इसी कविता में हुआ। बाबू महेश नारायण पटना के निवासी थे।
 
|विविध='स्वप्न' शीर्षक कविता खड़ी बोली हिन्दी में रचित पहली लम्बी कविता है, जिसे सबसे पहले पटना के हिन्दी साप्ताहिक पत्र 'बिहार बन्धु' ने 13 अक्तूबर 1881 से 15 दिसम्बर 1881 तक धारावाहिक प्रकाशित किया था। हिन्दी में मुक्त छंद का प्रयोग सबसे पहले इसी कविता में हुआ। बाबू महेश नारायण पटना के निवासी थे।
|अंग्रेज़ीनाम=Babu Mahesh Narain
+
|अंग्रेज़ीनाम=Babu Mahesh Narayan
 
|जीवनी=[[बाबू महेश नारायण / परिचय]]
 
|जीवनी=[[बाबू महेश नारायण / परिचय]]
 
|shorturl=
 
|shorturl=
 
}}
 
}}
 
+
{{KKCatBihar}}
'''स्वप्न''' (लम्बी कविता)
+
====स्वप्न (लम्बी कविता)====
 
* [[थी अन्धेरी रात, और सुनसान था / बाबू महेश नारायण]]
 
* [[थी अन्धेरी रात, और सुनसान था / बाबू महेश नारायण]]
 
* [[पहाड़ी ऊँची एक दक्षिण दिशा में / बाबू महेश नारायण]]
 
* [[पहाड़ी ऊँची एक दक्षिण दिशा में / बाबू महेश नारायण]]
पंक्ति 31: पंक्ति 31:
 
* [[कभी मुँह गुस्से से होता लाल / बाबू महेश नारायण]]
 
* [[कभी मुँह गुस्से से होता लाल / बाबू महेश नारायण]]
 
* [[दिल में उसके थी एक अजब हलचल / बाबू महेश नारायण]]
 
* [[दिल में उसके थी एक अजब हलचल / बाबू महेश नारायण]]
* [[मिलते थे जवाब दिल में उसके / बाबू महेश नारायण]]
+
* मिलते थे जवाब दिल में उसके / बाबू महेश नारायण]]
* [[एक ज़ानू उठाए एक गिराए / बाबू महेश नारायण]]
+
* एक ज़ानू उठाए एक गिराए / बाबू महेश नारायण]]
* [[सीने की धड़क से / बाबू महेश नारायण]]
+
* सीने की धड़क से / बाबू महेश नारायण]]
* [[थी वह अबला अकेली उस वन में / बाबू महेश नारायण]]
+
* थी वह अबला अकेली उस वन में / बाबू महेश नारायण]]
* [[घन्टों रही बैठी इस तरह वह / बाबू महेश नारायण]]
+
* घन्टों रही बैठी इस तरह वह / बाबू महेश नारायण]]
* [[क्या है यह अहा हिन्द की ज़मीन / बाबू महेश नारायण]]
+
* क्या है यह अहा हिन्द की ज़मीन / बाबू महेश नारायण]]
* [[यां तो वे वज़ह लड़ाई नहीं होती होगी? / बाबू महेश नारायण]]
+
* यां तो वे वज़ह लड़ाई नहीं होती होगी? / बाबू महेश नारायण]]
* [[सच है यह, प-ऐ मैं बकती क्या हूँ? / बाबू महेश नारायण]]
+
* सच है यह, प-ऐ मैं बकती क्या हूँ? / बाबू महेश नारायण]]
* [[देर तक यह पड़ी रही यों ही / बाबू महेश नारायण]]
+
* देर तक यह पड़ी रही यों ही / बाबू महेश नारायण]]
* [[ज़िन्दा मुर्दा की तरह पड़ी थी / बाबू महेश नारायण]]
+
* ज़िन्दा मुर्दा की तरह पड़ी थी / बाबू महेश नारायण]]
* [[अवश्य नयन स्वप्न ही में थी टेढ़ी / बाबू महेश नारायण]]
+
* अवश्य नयन स्वप्न ही में थी टेढ़ी / बाबू महेश नारायण]]
* [[दरख़्तों को फिर वह सुनाने लगी / बाबू महेश नारायण]]
+
* दरख़्तों को फिर वह सुनाने लगी / बाबू महेश नारायण]]
* [[उस दिन से हुई गले की उसकी मैं हार / बाबू महेश नारायण]]
+
* उस दिन से हुई गले की उसकी मैं हार / बाबू महेश नारायण]]
* [[रोने लगी कहके यह, वह अबला / बाबू महेश नारायण]]
+
* रोने लगी कहके यह, वह अबला / बाबू महेश नारायण]]
* [[फिर कहने लगी सुनो दरख़्तो! / बाबू महेश नारायण]]
+
* फिर कहने लगी सुनो दरख़्तो! / बाबू महेश नारायण]]
* [[दिनों तीन चार पाई पड़ी / बाबू महेश नारायण]]
+
* दिनों तीन चार पाई पड़ी / बाबू महेश नारायण]]

22:11, 21 जून 2017 के समय का अवतरण

बाबू महेश नारायण
कवि महेश नारायण.jpg
जन्म 1858
निधन 01 अगस्त 1907
उपनाम
जन्म स्थान पटना, बिहार, भारत
कुछ प्रमुख कृतियाँ
स्वप्न (लम्बी कविता)
विविध
'स्वप्न' शीर्षक कविता खड़ी बोली हिन्दी में रचित पहली लम्बी कविता है, जिसे सबसे पहले पटना के हिन्दी साप्ताहिक पत्र 'बिहार बन्धु' ने 13 अक्तूबर 1881 से 15 दिसम्बर 1881 तक धारावाहिक प्रकाशित किया था। हिन्दी में मुक्त छंद का प्रयोग सबसे पहले इसी कविता में हुआ। बाबू महेश नारायण पटना के निवासी थे।
जीवन परिचय
बाबू महेश नारायण / परिचय
कविता कोश पता
www.kavitakosh.org/

स्वप्न (लम्बी कविता)