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छन्द मधुवन गीतिका / बाबा बैद्यनाथ झा
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छन्द मधुवन गीतिका
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रचनाकार | बाबा बैद्यनाथ झा |
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इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- सद्ज्ञान सबमें डालती / बाबा बैद्यनाथ झा
- बिन लिखे छन्द दिन भी गुजरता नहीं / बाबा बैद्यनाथ झा
- नयी सदी में बदल रहा है / बाबा बैद्यनाथ झा
- है नाच रहा मन मोर, सरस है सावन / बाबा बैद्यनाथ झा
- दिव्य चेहरे पर है लाली / बाबा बैद्यनाथ झा
- मातु भवानी की पूजा जो / बाबा बैद्यनाथ झा
- साथ मेरे अगर रहा होता / बाबा बैद्यनाथ झा
- सुप्त भावों को जगाती लेखनी / बाबा बैद्यनाथ झा
- हैं मद्य पीते लोग उनसे दूर रहना चाहिए / बाबा बैद्यनाथ झा
- दीपों से शोभित है धरती / बाबा बैद्यनाथ झा
- हृदय से चन्द मिनटों का / बाबा बैद्यनाथ झा
- मित्र बनकर अरि सदृश वह व्यूह रचना छोड़ दे / बाबा बैद्यनाथ झा
- युग युगों से हैं मनाते / बाबा बैद्यनाथ झा
- विश्वबंधुता बढ़ती जाए, ऐसी हो हर रीत / बाबा बैद्यनाथ झा
- शारदे का मिला ही न वरदान है / बाबा बैद्यनाथ झा
- किसी अन्याय के आगे झुकेगी अब नहीं नारी / बाबा बैद्यनाथ झा
- भाषा का भी ज्ञान नहीं है / बाबा बैद्यनाथ झा
- कर्मों के अनुरूप सभी को / बाबा बैद्यनाथ झा
- श्रेष्ठ जनों की निन्दा कर जो / बाबा बैद्यनाथ झा
- हुआ देश आजाद / बाबा बैद्यनाथ झा