भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

धीरे-धीरे लुप्त हो गया दिवस-उजाला / अलेक्सान्दर पूश्किन

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: अलेक्सान्दर पूश्किन  » धीरे-धीरे लुप्त हो गया दिवस-उजाला
धीरे-धीरे लुप्त हो गया दिवस-उजाला

General Book.png
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया कविता कोश टीम को भेजें

रचनाकार: अलेक्सान्दर पूश्किन
अनुवादक: मदनलाल मधु
प्रकाशक: जवाहरलाल नेहरू सांस्कृतिक केन्द्र, मास्को, रूस
वर्ष: 1999
मूल भाषा: रूसी
विषय: अनूदित कविता
शैली: --
पृष्ठ संख्या: 60
ISBN:
विविध: मूल रूसी भाषा से अनूदित

इस पन्ने पर दी गयी रचनाओं को विश्व भर के योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गयी प्रकाशक संबंधी जानकारी प्रिंटेड पुस्तक खरीदने में आपकी सहायता के लिये दी गयी है।

प्रकृति सम्बन्धी कविताएँ

प्रेम कविताएँ

युग चेतना

लम्बी कविता

काव्य-नाटिका