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* [[प्रिय, देख मिलन मेरा-तेरा क्यों तारे जलते हैं / हरिवंशराय बच्चन]]
 
* [[प्रिय, देख मिलन मेरा-तेरा क्यों तारे जलते हैं / हरिवंशराय बच्चन]]
 
* [[तुम अपने जीवन की गाँठें खोलो, संगिनि, मैं भी खोलूँ  / हरिवंशराय बच्चन]]
 
* [[तुम अपने जीवन की गाँठें खोलो, संगिनि, मैं भी खोलूँ  / हरिवंशराय बच्चन]]
* [[ / हरिवंशराय बच्चन]]
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* [[चढ़ चल मेरे साथ करें हम इस पर्वत पर प्यार, सहेली / हरिवंशराय बच्चन]]
* [[ / हरिवंशराय बच्चन]]
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* [[सखि, अभी कहाँ से रात, अभी तो अंबर लाली / हरिवंशराय बच्चन]]
* [[ / हरिवंशराय बच्चन]]
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* [[सबसे कोमल, आयर मधुबन की कलिका का तुम नाम अगर मुझसे पूछो / हरिवंशराय बच्चन]]
 
* [[ / हरिवंशराय बच्चन]]
 
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23:58, 11 नवम्बर 2009 का अवतरण

प्रणय पत्रिका
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रचनाकार हरिवंशराय बच्चन
प्रकाशक सेंट्रल बुक ड़िपो, इलाहाबाद
वर्ष
भाषा हिन्दी
विषय कविताएँ
विधा
पृष्ठ १४७
ISBN
विविध
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