भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सतपाल 'ख़याल'" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Satpal khayal (चर्चा | योगदान) |
Satpal khayal (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 38: | पंक्ति 38: | ||
* [[तेरे छूने से सहरा हो गया गुलज़ार चुटकी में / सतपाल 'ख़याल']] | * [[तेरे छूने से सहरा हो गया गुलज़ार चुटकी में / सतपाल 'ख़याल']] | ||
* [[जो मेरे साथ रहा वो भी खुशी पा न सका]] | * [[जो मेरे साथ रहा वो भी खुशी पा न सका]] | ||
+ | * [[वक़्त ने फिर पन्ना पलटा है]] |
11:32, 3 अप्रैल 2010 का अवतरण
सतपाल 'ख़याल'
www.kavitakosh.org/skhayaal
www.kavitakosh.org/skhayaal
जन्म | 11 जनवरी 1974 |
---|---|
उपनाम | 'ख़याल' |
जन्म स्थान | तलवाड़ा टाउनशिप,पंजाब.(ज़िला होशियारपुर) |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
ग़ज़ल संग्रह प्रकाशन के लिए तैयार | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
/ परिचय | |
कविता कोश पता | |
www.kavitakosh.org/skhayaal |
- जब इरादा करके हम निकले हैं मंज़िल की तरफ़
- हमारे दिल की मत पूछो बड़ी मुश्किल में रहता है / सतपाल 'ख़याल'
- बदल कर रुख़ हवा उस छोर से आए तो अच्छा है
- शाम ढले मन पंछी बन कर दूर कहीं उड़ जाता/ सतपाल 'ख़याल'
- मैं शायर हूँ ज़बाँ मेरी कभी उर्दू कभी हिंदी / सतपाल 'ख़याल'
- इतने टुकड़ों में बँट गया हूँ मैं / सतपाल 'ख़याल'
- लो चुप्पी साध ली माहौल ने सहमे शजर बाबा / सतपाल 'ख़याल'
- जाने किस बात की अब तक वो सज़ा देता है
- दिल दुखाती थी जो पहले, दिल को रास आने लगी है
- वो आ जाए ख़ुदा से की दुआ अक्सर / सतपाल 'ख़याल'
- मत ज़िक्र कर तू सबसे मत पूछ हर किसी को / सतपाल 'ख़याल'
- दरिया से तालाब हुआ हूँ / सतपाल 'ख़याल'
- खौफ़ से सहमी हुई है खून से लथपथ पड़ी / सतपाल 'ख़याल'
- उम्र भर तड़पे सहर के वास्ते / सतपाल 'ख़याल'
- कच्चा मकान उसपे बरसात का भी डर है / सतपाल 'ख़याल'
- हुक्म चलता है तेरा तेरी ही सरदारी है / सतपाल 'ख़याल'
- निभाई है यहाँ हमने मुहब्बत भी सलीक़े से / सतपाल 'ख़याल'
- जश्न है हर सू , साल नया है / सतपाल 'ख़याल'
- दौड़ती हांफ़ती सोचती जिंदगी / सतपाल 'ख़याल'
- जब दम तमाम होगा / सतपाल 'ख़याल'
- इस पार अधूरा आधा सब / सतपाल 'ख़याल'
- कुछ तो है कुछ तो है हौसला कुछ तो है / सतपाल 'ख़याल'
- बात छोटी सी है पर हम आज तक समझे नही / सतपाल 'ख़याल'
- तेरे छूने से सहरा हो गया गुलज़ार चुटकी में / सतपाल 'ख़याल'
- जो मेरे साथ रहा वो भी खुशी पा न सका
- वक़्त ने फिर पन्ना पलटा है