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22:48, 17 दिसम्बर 2012 का अवतरण
धरती की सतह पर
रचनाकार | अदम गोंडवी |
---|---|
प्रकाशक | अनुज प्रकाशन, इन्द्रप्रस्थ मार्केट, बाबागढ़, प्रतापगगंज, उत्तरप्रदेश। |
वर्ष | |
भाषा | हिन्दी |
विषय | ग़ज़लें |
विधा | ग़ज़ल |
पृष्ठ | |
ISBN | 978-93-81467-41-1 |
विविध |
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- मानवता का दर्द लिखेंगे, माटी की बू-बास लिखेंगे / अदम गोंडवी
- ये महाभारत है जिसके पात्र सारे आ गए / अदम गोंडवी
- विकट बाढ़ की करुण कहानी, नदियों का संन्यास लिखा है / अदम गोंडवी
- जिसके सम्मोहन में पाग़ल, धरती है, आकाश भी है / अदम गोंडवी
- ये दुखड़ा रो रहे थे आज पंडित जी शिवाले में / अदम गोंडवी
- हीरामन बेज़ार है उफ़्! किस कदर महँगाई से / अदम गोंडवी
- ये अमीरों से हमारी फ़ैसलाकुन जंग थी / अदम गोंडवी
- टी०वी० से अख़बार तक ग़र सैक्स की बौचार हो / अदम गोंडवी
- अदम सुकून में जब कायनात होती है / अदम गोंडवी
- ये समझते हैं, खिले हैं तो फिर बिखरना है / अदम गोंडवी
- जिस्म क्या है, रुह तक सब कुछ खुलासा देखिए / अदम गोंडवी
- मुक्तिकामी चेतना, अभ्यर्थना इतिहास की / अदम गोंडवी
- जो ;डलहौजी' न कर पाया वो ये हुक्काम कर देंगे / अदम गोंडवी
- घर में ठण्डे चूल्हे पर अगर ख़ाली पतीली है / अदम गोंडवी
- मैं चमारों की गली में ले चलूंगा आपको / अदम गोंडवी
- जुल्फ - अंगडाई - तबस्सुम / अदम गोंडवी
- जो उलझ कर रह गई फाइलों के जाल में / अदम गोंडवी
- जिस्म की भूख कहें या हवस का ज्वार कहें / अदम गोंडवी
- बेचता यूँ ही नहीं है आदमी ईमान को / अदम गोंडवी
- वो जिसके हाथ में छाले हैं, पैरों में बिवाई है / अदम गोंडवी
- कब तक सहेंगे ज़ुल्म रफ़ीक़ो-रक़ीब के / अदम गोंडवी
- दर्द के दरिया मेम अश्कों की रवानी है ग़ज़ल / अदम गोंडवी
- बज़ाहिर प्यार को दुनिया में जो नाकाम होता है / अदम गोंडवी
- भुखमरी, बेरोज़गारी, तस्करी के एहतिमाम / अदम गोंडवी
- महेज़ तनख़्वाह से निपटेंगे क्या नखरे लुगाइ के / अदम गोंडवी
- दो अदद आँख तो हर इक के पास होती है / अदम गोंडवी
- एशियाई हुस्न की तस्वीर है मेरी ग़ज़ल / अदम गोंडवी