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23:35, 15 सितम्बर 2010 का अवतरण
भारतेंदु हरिश्चंद्र
www.kavitakosh.org/bhartendu
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| जन्म | 09 सितंबर 1850 | 
|---|---|
| निधन | 06 जनवरी 1885 | 
| उपनाम | ग़ज़लें कहते हुए ’रसा’ उपनाम लिखते थे । | 
| जन्म स्थान | काशी, उत्तर प्रदेश, भारत | 
| कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
| भक्तसर्वस्व (1870), प्रेममालिका (1871), प्रेम-माधुरी (1875), प्रेम-तरंग (1877), उत्तरार्द्ध-भक्तमाल (1876-77), प्रेम-प्रलाप (1877), गीत-गोविंदानंद (1877-78), होली (1879), मधु-मुकुल (1881), राग-संग्रह (1880), वर्षा-विनोद (1880), फूलों का गुच्छा (1882), प्रेम-फुलवारी (1883), कृष्ण-चरित्र (1883) | |
| विविध | |
| हिन्दी साहित्य के पितामह | |
| जीवन परिचय | |
| भारतेंदु हरिश्चंद्र / परिचय | |
| कविता कोश पता | |
| www.kavitakosh.org/bhartendu | |
<sort order="asc" class="ul">
- कार्तिक-स्नान / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - परदे में क़ैद औरत की गुहार / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - वैशाख-माहात्म्य / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - प्रेम सरोवर / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - जैन-कौतूहल / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - उतरार्द्ध भक्तमाल / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - सतसई-सिंगार / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - होली / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - मधु-मुकुल / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - राग-संग्रह / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - वर्षा-विनोद / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - विनय-प्रेम पचासा / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - फूलों का गुच्छा / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - प्रेम-फुलवारी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - होली डफ की / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - कृष्ण-चरित / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - छोटे प्रबंध तथा मुक्तक रचनाएँ / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - सुमनोऽज्जलि / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - देवी छद्म-लीला / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - प्रातः स्मरण मंगल-पाठ / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - दैन्य-प्रलाप / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - उरहना / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - नये जमाने की मुकरी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - तन्मय लीला / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - दान-लीला / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - रानी छद्म-लीला / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - संस्कृत लावनी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - बसंत होली / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - स्फुट समस्या / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - मुँह-दिखावनी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - उर्दू का स्यापा / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - प्रबोधिनी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - प्रात-समीरन / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - बकरी विलाप / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - स्वरूप-चिन्तन / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - श्री राजकुमार-शुभागमन-वर्णन / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - भारत-भिक्षा / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - श्री पंचमी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - अथ श्री सर्वोत्तम-स्तोत्र (भाषा) / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - निवेदन-पंचक / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - मानसोपायन / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - प्रातः स्मरण स्तोत्र / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - हिन्दी की उन्नति पर व्याख्यान / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - अपवर्गदाष्टक / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - मनोमुकुल-माला / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - भाषा सहज / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - श्री राज-राजेश्वरी स्तुति / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - वेणु-गीति / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - श्री नाथ-स्तुति / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - अपवर्ग-पंचक / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - पुरुषोत्तम-पंचक / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - भारत-वीरत्व / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - श्री सीता-वल्लभ-स्तोत्र / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - श्री रामलीला / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - भीष्मस्तवराज / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - मान-लीला फूल-बुझौअल / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - बन्दर सभा / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - विजय-बल्लरी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - विजयिनी विजय-पताका या वैजयंती / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - नये जमाने की मुकरी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - जातीय संगीत / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - रिपनाष्टक / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - स्फुट कविताएँ / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - भक्तसर्वस्व / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - प्रेममालिका / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - प्रेम-माधुरी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - वर्षा-विनोद / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - प्रेमाश्रु-वर्षण / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - प्रेम-तरंग / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - प्रेम-प्रलाप / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - गीत-गोविंदानंद / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 
</sort> भारतेन्दु की दुर्लभ रचना <sort order="asc" class="ul">
</sort> <sort order="asc" class="ul">
- ऊधो जो अनेक मन होते / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - गंगा-वर्णन / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - यमुना-वर्णन / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - अंग्रेज स्तोत्र / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - अथ मदिरास्तवराज / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - मातृभाषा प्रेम पर दोहे / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - पद / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - हमहु सब जानति लोक की चालनि / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - नींद आती ही नहीं...(हज़ल) /भारतेंदु हरिश्वंद्र
 - गाती हूँ मैं...(हज़ल) / भारतेंदु हरिश्चन्द्र
 - गले मुझको लगा लो ए दिलदार होली में / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - वह अपनी नाथ दयालुता / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - कर्पूर-मंजरी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - भारत दुर्दशा / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - वीर अभिमन्यु / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - कहाँ करुणानिधि केशव सोए / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - जगत में घर की फूट बुरी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - रोकहिं जौं तो अमंगल होय / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - मारग प्रेम को को समझै / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - काले परे कोस चलि चलि थक गए पाय / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - इन दुखियन को न चैन सपनेहुं मिल्यौ / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - धन्य ये मुनि वृन्दाबन बासी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - रहैं क्यौं एक म्यान असि दोय / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - लहौ सुख सब विधि भारतवासी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - अथ अंकमयी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - हरि-सिर बाँकी बिराजै / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - सखी री ठाढ़े नंदकिसोर / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - हरि को धूप-दीप लै कीजै / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - सुनौ सखि बाजत है मुरली / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - बैरिनि बाँसुरी फेरि बजी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - बँसुरिआ मेरे बैर परी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - सखी हम बंसी क्यों न भए / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - रोअहु सब मिलिकै / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - भारत के भुज-बल जग रक्षित / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - भारत जननि जिय क्यों उदास / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - होली / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - लखौ किन भारतवासिन की गति / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - सब भाँति दैव प्रतिकूल... / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - अंधेर नगरी अनबूझ राजा / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - दोहे और सोरठे / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 
</sort> भारतेन्दु 'रसा' की ग़ज़लें <sort order="asc" class="ul">
- फिर आई फस्ले गुल फिर जख़्मदह रह-रह के पकते हैं / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - आ गई सर पर कज़ा लो सारा सामाँ रह गया / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - अजब जोबन है गुल पर आमदे फ़स्ले बहारी है / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - दिल आतिशे हिजराँ से जलाना नहीं अच्छा / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - उठा के नाज़ से दामन भला किधर को चले / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - जहाँ देखो वहाँ मौजूद मेरा कृष्ण प्यारा है / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - फ़सादे दुनिया मिटा चुके हैं हुसूले हस्ती उठा चुके हैं / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - दश्त पैमाई का गर कस्द मुकर्रर होगा / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - नींद आती ही नहीं धड़के की इक आवाज़ से / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - बैठे जो शाम से तेरे दर पर सहर हुई / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - उसको शाहनशही हर बार मुबारक होवे / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - ख़याले नावके मिजगाँ में बस हम सर पटकते हैं / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - ग़ज़ब है सुरमः देकर आज वह बाहर निकलते हैं / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - फिर मुझे लिखना जो वस्फ़े रूए जानाँ हो गया / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - दिल मेरा तीरे सितमगर का निशाना हो गया / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - असीराने कफ़स सहने चमन को याद करते हैं / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - रहै न एक भी बेदादगर सितम बाक़ी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - बाल बिखेरे आज परी तुरबत पर मेरे आएगी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - दस्त-पैमाई का गर कस्द मुकर्रर होगा / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - नींद आती ही नहीं धड़के की बस आवाज़ से / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - चाह जिसकी थी वही यूसुफ़े सानी निकला / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - बख्त ने फिर मुझे इस साल दिखाई होली / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - बुते काफ़िर जो तू मुझसे ख़फ़ा है / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - रहमत को तेरे उम्मीदवार आया हूँ / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - चम्पई गरचे दुपट्टा है तो गुलदार है बेल / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - अल्ला रे लुल्फ़े ज़बह की कहता हूँ बार-बार / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - जुल्फ़ों को लेके हाथ में कहने लगा वह शोख / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - जब कभी उसकी याद पड़ती है / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - बर्कदम क्यों हाथ में शमशीर है / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 - है कमाँ अबरू तो मिजगाँ तीर है / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 
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