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- 04:36, 5 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+861) . . न वह लड़की-एक / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>सामने के झौंपड़े में रहने वाली वह लड़की अब सपने नहीं देखती। वह …)
- 04:35, 5 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,584) . . न कविता अब लिंग बदलेगी / ओम पुरोहित कागद (नया पृष्ठ: <poem>अब कविता लग्र मंडपों कोठों आराध्यगाहों को गीत नहीं होगी। अब नह…)
- 04:35, 5 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,946) . . न शहर के विरूद्ध / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>बहुत कुछ पाने की चाह में सब कुछ गंवा बैठा रामअवतार। रामअवतार; ए…)
- 04:33, 5 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+981) . . न आदमी नहीं है (कविता) / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>बहुत नाम था मिट्टी का मिट्टी भिगोई गई थापी और पकाई गई मिट्टी ईट…)
- 04:22, 5 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+2) . . धूप क्यों छेड़ती है / ओम पुरोहित ‘कागद’
- 04:21, 5 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+2,476) . . न धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>स्वघोषित उदेश्यों को प्रतीक मान मन चाहे कपड़ों से निर्मित ध्व…)
- 04:20, 5 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,557) . . न मेरा आंगन / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>सड़क दहलीज पर आ कर चली गई, दहलीज में अटका रह गया मेरा आंगन। सड़क …)
- 04:19, 5 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,547) . . न धूप क्यों छेड़ती है (कविता) / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>उन कई-कई मंजिलों ऊंची कोठियों में सोए अमीरों को छोड़ धरातल पर ग…)
- 04:18, 5 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+2,037) . . न पत्थरों के शहर में / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>पत्थरों के शहर में वो जो दूर पहाड़ी पर बड़ा सा मंदिर है उसका देव…)
- 04:17, 5 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+2,692) . . न मैं देशद्रोही नहीं हूं / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>मैं देशद्रोही नहीं हूं मैं मानता हूं मैं स्वतन्त्र भारत की देह …)
- 04:16, 5 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+2,188) . . न आ ऋतुराज! / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>आ ऋतुराज ! पेड़ों की नंगी टहनियां देख, तू क्यों लाया हरित पल्लव ब…)
- 04:15, 5 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+5,571) . . न आंतरिक अकुलाहट / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>परिवार नियोजन का पट्ट आपने टांगा है उस गरीब की झोंपड़ी पर। ‘दो …)
- 20:52, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+599) . . न आंख के तिल में / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>दुनिया कितनी बड़ी है ! पर बहुत बड़ी दुनिया है नहीं मेरी धरती-गगन…) (मौजूदा)
- 20:52, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+820) . . न ऊपर उठने पर ही / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>पहाड़ पर चढ़ने पर ही पता चलता है कितना दबा-घुटा और पिचका-पिचका-स…) (मौजूदा)
- 20:38, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+2,972) . . न जीने के लिए / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>जीने के लिए ऐसे भी तो जी सकते हैं यार- सुबह जल्दी उठें निबटें-नह…) (मौजूदा)
- 20:37, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+303) . . न ऐसा तो दम / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>उद्दण्ड-उच्छृंखल हो उफन रही नदी को बांहों में भींच पूरी ताकत लग…) (मौजूदा)
- 20:37, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+917) . . न मजाक बहुत मंहगा पडता है / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>सच कभी-कभी मजाक बहुत महंगा पड़ता है चुपचाप लेटी थी नदी मजाक-ही-…) (मौजूदा)
- 20:37, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+918) . . न पहचन खो गई / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>वे फूलों से लदे वे रथ पर चढ़े लेकर अपने पीछे लाखों कंठों से निकल…) (मौजूदा)
- 20:36, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,001) . . न जीवन का सच / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>गगनचुंबी इमारत थी जो खड़ी है वही खण्डहर बन अब न हंसी-ठहाके न बा…) (मौजूदा)
- 20:36, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+730) . . न मेरी रची दुनिया मुझसे / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>बताओ मैं ऐसी क्यों हूं ? मेरी रची दुनिया पूछती है मुझसे दे सकता …) (मौजूदा)
- 20:35, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+462) . . न खिंच आता है / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>अंधेरा हो भी तो टिक नहीं सकेगा न रह सकेगा रंग बदलकर ही दिप-दिप क…) (मौजूदा)
- 18:18, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+942) . . न हवा / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>कुछ दिन पहले तुम बांध रहे थे उसकी हवा आज इसकी बांधने में लगे हो …) (मौजूदा)
- 18:17, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+578) . . न स्मृति गंध सूत्र / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>बीच में है तो हुआ करें पहाड़ या नहीं या खंदक या और भी कुछ-कोई दुन…) (मौजूदा)
- 18:17, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,292) . . न पोती की स्म्रति में / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>खैर, वह तो जल-जला गई छोड़ो उसकी कहानी वैसे खत्म नहीं होती कहानी …) (मौजूदा)
- 18:16, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,301) . . न चलने का अर्थ / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>सुनो यार ! जरा ठहरें ऐसी भी क्या जिद चलने की चलने वालों को जरा रु…) (मौजूदा)
- 18:15, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+741) . . न और खिल उठेंगे / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>कितना अच्छा है कोई परवाह नहीं कीचड़ में सन जाने की पानी से हुआ …) (मौजूदा)
- 18:15, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,035) . . न हां, वे ही शब्द / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>चौफेर पसरे अंधेरे के बीच एक किरण उजास यहां से वहां फैली बर्फ पि…) (मौजूदा)
- 18:13, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (0) . . उस दुनिया की सैर के बाद / सांवर दइया
- 18:10, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+661) . . नवनीत पाण्डे
- 18:09, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+264) . . न कविता / नवनीत पाण्डे (नया पृष्ठ: <poem>अथाह नीले में चुपचाप टप्प से गिरी एक नन्हीं सी कंकरी बनाती एक क…) (मौजूदा)
- 18:08, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+15) . . नवनीत पाण्डे
- 18:08, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (-269) . . एक ही समंदर / नवनीत पाण्डे
- 17:42, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,028) . . न शहर में / नवनीत पाण्डे (नया पृष्ठ: <poem>शहर में लड़की खुद बताती है वह लड़की है उसने हटवा दिए हैं सारे पर…)
- 17:35, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+636) . . न आसमान / नवनीत पाण्डे (नया पृष्ठ: <poem>जब तुम देख रहे होते हो आसमान आसमान ही दिखता है तुम्हें वह ज़मीन …) (मौजूदा)
- 17:34, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+525) . . न लड़की / नवनीत पाण्डे (नया पृष्ठ: <poem>लड़की जब भी आती है निकल कर घर से बाहर शहर की गली-सड़क-चौराहे पर ल…) (मौजूदा)
- 17:34, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+452) . . न उडीक में / नवनीत पाण्डे (नया पृष्ठ: <poem>काली-कलूटी, टूटी-फूटी मुर्दा सड़क जी उठती है अचानक जब भी तुम गुज…)
- 17:34, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+643) . . न एक ही समंदर / नवनीत पाण्डे (नया पृष्ठ: <poem>सारे समंदर मेरे अंदर सारी नदियां भागती सी आती है टकराती है और स…)
- 17:33, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+284) . . नवनीत पाण्डे
- 17:32, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+99) . . छड़ी / नवनीत पाण्डे
- 17:29, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (-640) . . यात्रा / नवनीत पाण्डे
- 17:29, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (-530) . . शहर में लड़की / नवनीत पाण्डे (मौजूदा)
- 17:27, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (-463) . . छूटे हुए संदर्भ / नवनीत पाण्डे
- 17:25, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (-661) . . जो रहा अनकहा / नवनीत पाण्डे
- 05:35, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+646) . . न सच बता… / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>कितना अच्छा था वह दिन भेले ही अनजाने में लिखे थे और अक्षर भी ढा…) (मौजूदा)
- 05:30, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (-9) . . उस दुनिया की सैर के बाद / सांवर दइया
- 05:29, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,522) . . न मेरे होने से / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>समझाते हैं वे जनेऊ-तिलक होंगे अर्थयुक्त तभी जब करूं नियमित त्र…) (मौजूदा)
- 05:19, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (-6) . . सच के आस-पास / नवनीत पाण्डे
- 05:18, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+502) . . सच के आस-पास / नवनीत पाण्डे
- 05:14, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+219) . . न सच के आस-पास / नवनीत पाण्डे (नया पृष्ठ: * / नवनीत पाण्डे * / नवनीत पाण्डे * / नवनीत पाण्डे * [[ / नवनीत पाण्ड…)
- 05:14, 4 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+136) . . नवनीत पाण्डे
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