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दसों दिशाओं में / नवल शुक्ल
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दसों दिशाओं में
| रचनाकार | नवल शुक्ल | 
|---|---|
| प्रकाशक | आधार प्रकाशन, 372/सेक्टर-17, पंचकूला-134 109 हरियाणा | 
| वर्ष | 1992 | 
| भाषा | हिन्दी | 
| विषय | कविताएँ | 
| विधा | छंदहीन | 
| पृष्ठ | 92 | 
| ISBN | 81-85469-19-9 | 
| विविध | 
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- जाना, तो लौट आना / नवल शुक्ल
 - जब-जब जन्म लूंगा / नवल शुक्ल
 - उसके बोल मुझे बोलना है / नवल शुक्ल
 - समय से उदास लोगों के बीच / नवल शुक्ल
 - किसी की सुविधा नहीं हूँ / नवल शुक्ल
 - जो आएगा / नवल शुक्ल
 - खेत में शेयर की फसल / नवल शुक्ल
 - घर छोड़ते समय / नवल शुक्ल
 - पिता, मुर्गियों के धड़ और देवता / नवल शुक्ल
 - चींटियाँ / नवल शुक्ल
 - घरों में प्रवेश के लिए / नवल शुक्ल
 - प्यार चाहिए / नवल शुक्ल
 - बहुत दिनों से / नवल शुक्ल
 - जुगनुओं के बाद / नवल शुक्ल
 - नर्क से बाहर / नवल शुक्ल
 - ऎसी कौन रात हो गई / नवल शुक्ल
 - फूल खिले / नवल शुक्ल
 - चलना चाहिए / नवल शुक्ल
 - दसों दिशाओं में. / नवल शुक्ल
 - यह मेरा स्वर है / नवल शुक्ल
 - आदमी की सुगंध / नवल शुक्ल
 - फिर-फिर जनम लें / नवल शुक्ल
 - कोई उठता क्यों नहीं / नवल शुक्ल
 - अभी-अभी शुरू हुआ होगा भजन / नवल शुक्ल
 - हरी कोख में / नवल शुक्ल
 - ईश्वर की उपस्थिति में / नवल शुक्ल
 - ईश्वर से अधिक हूँ / नवल शुक्ल
 - घर-गाँव की लड़कियों की तरह / नवल शुक्ल
 - यहाँ कितनी रोशनी हो गई / नवल शुक्ल
 - पिता से सुना गीत / नवल शुक्ल
 - विपत्ति में घिरा घर / नवल शुक्ल
 - माँ / नवल शुक्ल
 - बस इतनी जगह / नवल शुक्ल
 - अमुक दिन जाना है / नवल शुक्ल
 - वर्षों बाद वह जगह / नवल शुक्ल
 - खड़े-खड़े देखेंगे / नवल शुक्ल
 - जंगल पर उड़ता हवाई जहाज / नवल शुक्ल
 - हम किसी भी देश के मुखपृष्ठ हो सकते हैं / नवल शुक्ल
 - हमारी तरफ़ रेल / नवल शुक्ल
 - पिता और उनके पिता / नवल शुक्ल
 - वसन्त के दिन हैं / नवल शुक्ल
 - ऎसा मैं सवार / नवल शुक्ल
 - बोली सुनना चाहती हूँ / नवल शुक्ल
 - अब मैं कैसे प्यार करता हूँ / नवल शुक्ल
 - रोज़ सुबह / नवल शुक्ल
 - लोहे के भारी ठंडे दरवाज़े / नवल शुक्ल
 - औरतों को नहीं चाहिए बहुत सारी चीज़ें / नवल शुक्ल
 - करवट / नवल शुक्ल
 - पर्यावरण में प्रवेश / नवल शुक्ल
 - ख़ुशी / नवल शुक्ल
 - शहर / नवल शुक्ल
 - हालात / नवल शुक्ल
 - रोज़ एक नदी पार करते हैं / नवल शुक्ल
 - मिट्टी के रंग पर / नवल शुक्ल
 - धरती से विदा / नवल शुक्ल
 - आया हूँ तो रहूंगा / नवल शुक्ल
 - जिस क्षण मरूंगा / नवल शुक्ल
 - कुछ न कह सकने लायक / नवल शुक्ल
 - अभी ऎसे नहीं / नवल शुक्ल
 - नहीं जाएंगे / नवल शुक्ल
 - स्वरों में फ़ैल जाऊंगा / नवल शुक्ल
 
	
	