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- 21:29, 29 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+560) . . न हर अनहोनी बात बदल दें / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>हर अनहोनी बात बदल दें चलो आज हालत बदल दें सुबह नहीं होनी है जिसक…)
- 21:28, 29 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+666) . . न महफ़िल में तनहा रहता हूँ / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>महफ़िल में तन्हा रहता हूँ देखो मै क्या क्या सहता हूँ जब पुख्ता …)
- 21:26, 29 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+853) . . न सबकी आँखों में झाँकता हूँ मै / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>सबकी आँखों में झाँकता हूँ मैं जाने क्या चीज ढूँढता हूँ मैं अपन…)
- 21:25, 29 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+767) . . न दीवारों को घर समझा था / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>दीवारों को घर समझा था मैं कम से कमतर समझा था सच का मोल नहीं है, सच…)
- 21:06, 29 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,088) . . न हिन्दू है कोई, कोई मुसलमान शहर में / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>हिन्दू है कोई, कोई मुसलमान शहर में ढूँढे न मिला एक भी इन्सान शहर …)
- 21:04, 29 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,540) . . न अपनी, ख़ुशियाँ अपने सपने सब के सब बेकार हुए / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>अपनी खुशियाँ अपने सपने सब के सब बेकार हुए फूलों जैसे लोग भी जान…)
- 21:01, 29 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,336) . . न आऊँगा मै मेरी राहों को सजाए रखना / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>आऊँगा मैं, मेरी राहों को सजाये रखना न मिलें फूल तो काँटे ही बिछ…)
- 20:09, 28 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,614) . . न जाने किसकी साजिश है ये / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>जाने किसकी साजिश है ये जाने किसने फेंके हैं मेरे शहर के दामन पर …)
- 20:07, 28 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,153) . . न इस शहर में ये अज़ब यारो तमाशा देखा / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>इस शहर में ये अज़ब यारो तमाशा देखा थी जरूरत जहाँ सूरज की कुहासा …)
- 20:05, 28 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,065) . . न कतरा रहें है आज कल पंछी उड़ान से / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>कतरा रहें हैं आज कल पंछी उडान से पत्थर बरस रहे हैं बहुत आसमान से …)
- 19:34, 28 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,187) . . न घाट मुर्दा है, गली मुर्दा है, घर मुर्दा है / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>घाट मुर्दा है, गली मुर्दा है, घर मुर्दा है मैं जहाँ रहता हूँ वो स…)
- 19:32, 28 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,648) . . न इस तरह तारीकियों के हल निकले जाएँगे / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>इस तरह तारीकियों के हल निकाले जायेंगे सिर्फ अंधों के घरों में द…)
- 19:31, 28 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,183) . . न सिर्फ़ मेरा ही नहीं था ये शहर तेरा भी था / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>सिर्फ मेरा ही नहीं था ये शहर तेरा भी था तूने लूटा खुद जिसे ऐ दोस्…)
- 19:29, 28 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,504) . . न कभी तो चेहरे से चेहरा हटा के बात करो / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>कभी तो चेहरे से चेहरा हटा के बात करो कभी तो खुद से भी आँखें मिला …)
- 19:26, 28 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,664) . . न मल्लाह बन के बैठे थे कल तक जो नाव में / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>मल्लाह बन के बैठे थे कल तक जो नाव में लो आज वो भी व्यस्त हैं अपने …)
- 19:25, 28 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+888) . . न निकल आए किधर हम बेख़ुदी में / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>निकल आये किधर हम बेखुदी में यहाँ तो है अँधेरा रौशनी में न मेरी आ…)
- 19:19, 28 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,251) . . न सरे शहर में एक भी तो घर बचा नहीं / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>सारे शहर में एक भी तो घर बचा नहीं कल रात कोई हादसा जिसमे हुआ नहीं…)
- 18:22, 26 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,271) . . न पत्थर बचे है एक भी शीशा नहीं बचा / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>पत्थर बचे हैं एक भी शीशा नहीं बचा आँखों का कोई ख्वाब से रिश्ता न…) (मौजूदा)
- 18:44, 20 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+2,302) . . न चल मन, उठ अब तैयारी कर / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>चल मन, उठ अब तैयारी कर यह चला - चली की वेला है कुछ कच्ची - कुछ पक्की…)
- 18:42, 20 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+91) . . कुमार अनिल
- 18:30, 20 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+3,141) . . न एक कविता मृत्यु के नाम / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>मृत्यु तू आना तेरा स्वागत करूँगा किन्तु मत आना कि जैसे कोई बिल…)
- 18:27, 20 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+97) . . कुमार अनिल
- 18:09, 20 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,072) . . न व्यक्ति का आचरण विषैला है / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem> व्यक्ति का आचरण विषैला है सारा वातावरण विषैला है क्या सुनाएँ …)
- 18:08, 20 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,023) . . न कौन किसको क्या बताए क्या हुआ / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>कौन किसको क्या बताये क्या हुआ हर अधर पर मौन है चिपका हुआ जब भी ल…)
- 17:49, 20 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,459) . . न वो शख़्स एक समंदर जो सबको लगता था / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>वो शख्स एक समंदर जो सबको लगता था किसे पता है भला वो भी कितना प्या…)
- 17:35, 20 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,534) . . न जितने भी लोग मुझे कल सरे बाज़ार मिले / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>जितने भी लोग मुझे कल सरे बाजार मिले सब किसी और की अस्मत के खरीदा…)
- 17:15, 20 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,546) . . न ठहरा है झील का पानी तो उठा लो पत्थर / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>ठहरा है झील का पानी तो उठा लो पत्थर कोई हलचल तो मचे यारो उछालो पत…)
- 17:12, 20 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,335) . . न मैं बनाने चला हूँ वो इक आशियाँ / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>मैं बनाने चला हूँ वही आशियाँ आ के जिसकी हिफाज़त करें बिजलियाँ …)
- 16:43, 20 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,250) . . न हर तरफ़ इक सनसनी है / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>हर तरफ इक सनसनी है इस शहर में मौत की चादर तनी है इस शहर में दोस्त…)
- 18:46, 6 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (-15) . . बड़ा अजीब-सा मंज़र दिखाई देता है / कुमार अनिल
- 18:41, 6 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,328) . . न बड़ा अजीब-सा मंज़र दिखाई देता है / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>बड़ा अजीब सा मंजर दिखाई देता है। तमाम शहर ही खंडहर दिखाई देता ह…)
- 18:30, 6 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,376) . . न घटा से चाँद की सूरत निकल रहा हूँ मैं / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>घटा से चाँद की सूरत निकल रहा हूँ मैं। चिराग बनके अंधेरों में जल …)
- 17:54, 6 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+625) . . न होटों को सच्चाई दे / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>होठों को सच्चाई दे बस इतनी अच्छाई दे मेरा ही आसेब मुझे घर में रो…) (मौजूदा)
- 17:50, 6 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1) . . आज जो आपको सुनानी है / कुमार अनिल (मौजूदा)
- 17:43, 6 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,249) . . न हर शख़्स है लुटा-लुटा / कुमारअनिल (नया पृष्ठ: <poem>हर शख्श है लुटा- लुटा हर शय तबाह है ये शह्र कोई शह्र है या क़त्ल-ग…)
- 17:40, 6 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,544) . . न बने हुए हैं इस नगरी में / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>बने हुए हैं इस नगरी में सब शीशे के घर लोगो दरक गए तो कहाँ रहोगे म…)
- 22:24, 4 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (-156) . . और कब तक चुप रहें / कुमार अनिल
- 22:03, 4 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+7,934) . . और कब तक चुप रहें / कुमार अनिल
- 21:03, 4 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+81) . . और कब तक चुप रहें / कुमार अनिल
- 19:35, 4 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+101) . . और कब तक चुप रहें / कुमार अनिल
- 19:20, 4 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+304) . . न और कब तक चुप रहें / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: {{KKPustak |चित्र=-- |नाम=Aur kab tak chup rahen |रचनाकार=kumar anil |प्रकाशक= Navdha Prakashan, Meerut |वर्ष= …)
- 19:14, 4 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (-335) . . कुमार अनिल
- 18:57, 4 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+3) . . यह सूर के अंतर की झाँकी / कुमार अनिल
- 18:34, 4 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+456) . . कुमार अनिल
- 18:26, 4 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+55) . . जिनको इन राहों में फूल मिले / कुमार अनिल (मौजूदा)
- 18:23, 4 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+76) . . तुमने हँस के जो देखा जरा सा मुझे / कुमार अनिल
- 18:22, 4 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+56) . . एक रात का खंडित स्वप्न हैं या / कुमार अनिल
- 18:19, 4 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+56) . . हम प्याले थे प्रीत सुधा रस भरे / कुमार अनिल (मौजूदा)
- 18:15, 4 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+6) . . यह सूर के अंतर की झाँकी / कुमार अनिल
- 18:13, 4 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+35) . . यह सूर के अंतर की झाँकी / कुमार अनिल
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