भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बेगम रज़िया हलीम जंग
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:53, 30 सितम्बर 2016 का अवतरण
बेगम रज़िया हलीम जंग
जन्म | 1922 |
---|---|
जन्म स्थान | हैदराबाद |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
बेगम रज़िया हलीम जंग / परिचय |
ग़ज़लें
- आरजूएँ जाग उठीं बे-ताब है बज़्म-ए-ख़याल / बेगम रज़िया हलीम जंग
- अर्ज़ किया है मेरी तुम सुनो बोल दूँ / बेगम रज़िया हलीम जंग
- बयाबाँ हो के सहरा हो मुझे तेरा सहारा हो / बेगम रज़िया हलीम जंग
- बैचेन कर रहा है हर लम्हा क़ल्ब-ए-मुज़्तर / बेगम रज़िया हलीम जंग
- दामन भी चाक और गिरेबाँ भी तार तार / बेगम रज़िया हलीम जंग
- दिल की हालत बिगड़ रही है क्यूँ / बेगम रज़िया हलीम जंग
- दुनिया मिली तो क्या है ये मेरी नहीं थी चाह / बेगम रज़िया हलीम जंग
- फ़ुर्सत की बात मुझ से न कोई जिया करे / बेगम रज़िया हलीम जंग
- हमेशा माँगते रहना मेरी आदत पुरानी है / बेगम रज़िया हलीम जंग
- जमाल-ए-यार को तरसूँ न वस्ल-ए-यार को तरसूँ / बेगम रज़िया हलीम जंग
- कम हो रहा है हर दिन इक दिन ये ज़िन्दगी का / बेगम रज़िया हलीम जंग
- कितने नायाब थे लम्हे जो वहाँ पर गुज़रे / बेगम रज़िया हलीम जंग
- कोई क़दम उठे न तेरी राह के बग़ैर / बेगम रज़िया हलीम जंग
- क्यूँ मेरे दर्द-ए-दिल का तू ने मज़ाक उड़ाया / बेगम रज़िया हलीम जंग
- मैं बन चुकी तमाशा रूसवा खड़ी हूँ अब तक / बेगम रज़िया हलीम जंग
- मैं मुब्तला-ए-इश्क़ हूँ मुझ को पता न था / बेगम रज़िया हलीम जंग
- मुझ पे ज़मज़म लुटाते तो कुछ बात थी / बेगम रज़िया हलीम जंग
- न मिलता दर जो तेरा तो मैं दर दर ही भटक जाती / बेगम रज़िया हलीम जंग
- ताक़त-ए-गुफ़्तार हो तो कुछ बयाँ हम भी करें / बेगम रज़िया हलीम जंग
- तेरे अलम को ज़बीं से लगा लिया मैं ने / बेगम रज़िया हलीम जंग
- तुम्हीं बताओ वो कौन है जो हर एक लम्हा सता रहा है / बेगम रज़िया हलीम जंग
- ये चाहती थी के घर यूँ पिया के जाऊँ मैं / बेगम रज़िया हलीम जंग