घर सुख और आदमी

| रचनाकार | सरोज परमार | 
|---|---|
| प्रकाशक | भावना प्रकाशन,दिल्ली-91 | 
| वर्ष | 1994 | 
| भाषा | हिन्दी | 
| विषय | कविताएँ | 
| विधा | |
| पृष्ठ | 65 | 
| ISBN | |
| विविध | 
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- समर्पण / सरोज परमार
- जागना है ख़तरनाक / सरोज परमार
- आक / सरोज परमार
- घर / सरोज परमार
- डायरी / सरोज परमार
- रेत पर / सरोज परमार
- एक बूँद शब्द / सरोज परमार
- हरसिंगार / सरोज परमार
- किंचित ख़ामोशी दे दो / सरोज परमार
- लफ़्ज़ों की काश्त कैसे करूँ? / सरोज परमार
- फिसल गए / सरोज परमार
- अमलतास-सी / सरोज परमार
- बहेलिये / सरोज परमार
- अलाव / सरोज परमार
- ज़मीन का टुकड़ा / सरोज परमार
- काँचघर / सरोज परमार
- बेतरतीब लतर / सरोज परमार
- कैसे बुहारूँ / सरोज परमार
- गुणनफल आँक दो हर आँख पर / सरोज परमार
- बीसवें साल में / सरोज परमार
- विषकन्या / सरोज परमार
- सुख / सरोज परमार
- बहुत शर्मिन्दा हैं / सरोज परमार
- लाल रुमाल / सरोज परमार
- भोर मेरे गाँव की / सरोज परमार
- डाकिए-सी... साँझ / सरोज परमार
- अल्हड़ चीड़ / सरोज परमार
- टीन की झालर / सरोज परमार
- कूची / सरोज परमार
- सूरज बनजारा / सरोज परमार
- बेटे की मृत्यु के बाद / सरोज परमार
- [[विडंब
ना / सरोज परमार]]