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देखें (पिछले 20 | अगले 20) (20 | 50 | 100 | 250 | 500)- परिंदों ने समेटे पर ज़रा सी धूप बाक़ी है / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- माना, मेरा मुह सी दोगे, उसकी जीभ कतर दोगे / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- हाथ पे हाथ बुरी बात हटा ले कोई / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- आँकड़ों से पीटना सरकार को महंगा पड़ा / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- हज़ार ख़्वाब हमारी शबों में आते हैं / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- हम अपनी बाग़ी चीखों के चलते जो मशहूर हुए / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- नक्शा जो मन के कागज़ पर बनता है / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- स्याहियों में घुली फिज़ा मानो / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- दे गई है पाक पुड़ियों में ज़हर तिरछी हँसी / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- तकाज़ा वक़्त का है ख़्वाब चीज़ों में बदल जाएँ / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- मिट्टी हुई है लावा, दहका हुआ फ़लक है / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- तेरी आँख नम तू बुझा हुआ / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- फ़ल्सफ़े में फ़ँस गए हम सब्र में घाटा हुआ / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- कह रहे औज़ार साये से कि घबराये नहीं / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- फूल जैसा खिला खिला कहिए / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- मेहरबानी बाँटिए, नामेहरबानी बाँटिए / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- फ़कीरों के लिए खोटी चवन्नी फेंकते रहिए / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- संतों ने साहिबान ने छोटा किया मुझे / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- दर्द खोटा क्यों लगा, सोना खरा कैसे लगा / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- आग ग़ज़लों को पिलाकर सर्दज़ाँ हो जाइए / विनय कुमार (← कड़ियाँ)