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+ | अब तो कुछ भी नहीं सुहावै | ||
+ | भगवत्कृपा दीन का धन है | ||
+ | देते हैं भगवान् सदा ही | ||
+ | गऊ लोक तें जमनाजी पधारी | ||
+ | मत निराश हो मत घबरा रे | ||
+ | सरवरिया के तीर खड़ी या नानी नीर बहावे है | ||
+ | नाथ मैं थारो जी थारो | ||
+ | पलक बिछाया म्हें तो थाने ब्रुलावां जी | ||
+ | राधा से भी लगता मुझको अधिक मधुर | ||
+ | चाँद विना चाँदनी, ज्योति बिना ज्यूं दीप | ||
+ | कृपा जो राधाजू की चहिये | ||
+ | नरसी मेहता ही अरदास | ||
+ | सौँप दिये मन प्राण तुम्हीँ को | ||
+ | ह्रदय आनन्द भर बोलो, बधाई है | ||
+ | प- अब सौंप दिया इस जीवन का | ||
+ | तू सुमिरन कर राधे राधे | ||
+ | अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं | ||
+ | जपे जा राधे राधे | ||
+ | बोल हरि बोल हरि, हरि हरि बोल | ||
+ | राधे तेरे चरणों की गर धूल जो मिल जाए | ||
+ | हे नाथ ! अब तो ऐसी दया हो | ||
+ | भला किसी का कर ना सको तो | ||
+ | राधे रानी । म्हे तो थांरे, वृज़-वृन्दावन | ||
+ | इतना तो करना स्वामी | ||
+ | राधे का नाम है अनमोल बोलो राधे राधे | ||
+ | मिलता है सच्चा सुख केवल | ||
+ | मीठे रस सूं भरयोडी, राधा रानी लागे | ||
+ | मुझे है काम ईश्वर से | ||
+ | माधव भामिनी जय जय राधे | ||
+ | सबसे ऊंची प्रेम सगाई | ||
+ | म्हारा घट मां विराजता श्रीनाथजी | ||
+ | संध्या सुमिरन कर रे | ||
+ | श्रीनाथजी हमारे ऐसे रसिया | ||
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* [[मीठी रस से भरी/ राधा रानी का भजन ]] | * [[मीठी रस से भरी/ राधा रानी का भजन ]] | ||
* [[तुम उठो सिया सिंगार करो / राम के शिव धनुष तोड़ने के अवसर का भजन]] | * [[तुम उठो सिया सिंगार करो / राम के शिव धनुष तोड़ने के अवसर का भजन]] | ||
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* [[श्री गणेश वंदना/ भजन]] | * [[श्री गणेश वंदना/ भजन]] | ||
* [[गणपति गणेश /भजन]] | * [[गणपति गणेश /भजन]] |