भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कुँअर बेचैन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ)
(ग़ज़लें)
पंक्ति 139: पंक्ति 139:
 
* [[अगर हम अपने दिल को अपना इक चाकर बना लेते / कुँअर बेचैन]]
 
* [[अगर हम अपने दिल को अपना इक चाकर बना लेते / कुँअर बेचैन]]
 
* [[ज़िंदगी यूँ भी जली, यूँ भी जली मीलों तक / कुँअर बेचैन]]
 
* [[ज़िंदगी यूँ भी जली, यूँ भी जली मीलों तक / कुँअर बेचैन]]
 +
* [[मैं दिल हूँ और इस दिल का पता आपकी आँखें / कुँवर बेचैन]]
 +
* [[एक तेरे नाम की ही पुस्तकें पढ़ते रहे / कुँवर बेचैन]]
 +
* [[प्यासे होठों से जब कोई झील न बोली बाबू जी / कुँवर बेचैन]]
 +
* [[फूल से लिपटी हुई ये तितलियाँ अच्छी लगीं / कुँवर बेचैन]]
 +
 
====बाल कविताएँ====
 
====बाल कविताएँ====
 
* [[कानाबाती कुर्र / कुँअर बेचैन]]
 
* [[कानाबाती कुर्र / कुँअर बेचैन]]

22:13, 2 अक्टूबर 2016 का अवतरण

कुँअर बेचैन
Kunwarbechain.jpg
जन्म 01 जुलाई 1942
निधन
उपनाम बेचैन
जन्म स्थान ग्राम उमरी, जिला मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत
कुछ प्रमुख कृतियाँ
गीत-संग्रह: पिन बहुत सारे (1972), भीतर साँकलः बाहर साँकल (1978), उर्वशी हो तुम (1987), झुलसो मत मोरपंख (1990), एक दीप चौमुखी (1997), नदी पसीने की (2005), दिन दिवंगत हुए (2005), ग़ज़ल-संग्रह: शामियाने काँच के (1983), महावर इंतज़ारों का (1983), रस्सियाँ पानी की (1987), पत्थर की बाँसुरी (1990), दीवारों पर दस्तक (1991), नाव बनता हुआ काग़ज़ (1991), आग पर कंदील (1993), आँधियों में पेड़ (1997), आठ सुरों की बाँसुरी (1997), आँगन की अलगनी (1997), तो सुबह हो (2000), कोई आवाज़ देता है (2005); कविता-संग्रह: नदी तुम रुक क्यों गई (1997), शब्दः एक लालटेन (1997); पाँचाली (महाकाव्य)
विविध
आपका मूल नाम कुँअर बहादुर सक्सेना है।
जीवन परिचय
कुँअर बेचैन / परिचय
कविता कोश पता
www.kavitakosh.org/{{{shorturl}}}

कविता संग्रह

कुछ हाइकु

कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ

ग़ज़लें

बाल कविताएँ