भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मयंक अवस्थी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
|||
(4 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 7 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
|उपनाम=मयंक | |उपनाम=मयंक | ||
|जन्म=25 जून 1964 | |जन्म=25 जून 1964 | ||
− | |जन्मस्थान=जगपद, हरदोई, भारत | + | |जन्मस्थान=जगपद, हरदोई, उत्तर प्रदेश, भारत |
|कृतियाँ= | |कृतियाँ= | ||
|विविध= भारतीय रिजर्व बैंक नागपुर में कार्यरत | |विविध= भारतीय रिजर्व बैंक नागपुर में कार्यरत | ||
|जीवनी=[[मयंक अवस्थी / परिचय]] | |जीवनी=[[मयंक अवस्थी / परिचय]] | ||
− | |अंग्रेज़ीनाम=Mayank Awasthi | + | |अंग्रेज़ीनाम=Mayank Awasthi |
− | |shorturl= | + | |shorturl=mawasthi |
}} | }} | ||
{{KKShayar}} | {{KKShayar}} | ||
− | + | {{KKCatUttarPradesh}} | |
− | + | ====रचनाएँ==== | |
− | * [[कभी यकीन की दुनिया में जो गए सपने | + | * [[तारों से और बात में कमतर नहीं हूँ मैं / मयंक अवस्थी]] |
− | * [[मेरी आहों का दीवार पे असर हो शायद | + | * [[मेरी ही धूप के टुकड़े चुरा के लाता है / मयंक अवस्थी]] |
− | * [[थको न आस के पंछी | + | * [[सादगी पहचान जिसकी ख़ामुशी आवाज़ है / मयंक अवस्थी]] |
− | * [[उस आसमाँ को शामो-सहर याद किया जाय | + | * [[बिखर जाये न मेरी दास्ताँ तहरीर होने तक / मयंक अवस्थी]] |
− | * [[धरती पे रश्के-माह से कमतर नहीं हूँ मैं | + | * [[जब ख़ुद में कुछ मिला न ख़दो –ख़ाल की तरह / मयंक अवस्थी]] |
− | * [[किरदार खोलती है बयानात की महक | + | * [[वो कौन है वो क्या है जो इस दिल में छुपा है / मयंक अवस्थी]] |
− | + | * [[चार –सू जो खामुशी का साज़ है / मयंक अवस्थी]] | |
+ | * [[इक चाँद तीरगी में समर रोशनी का था / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[बैठे हो जिसके ख़ौफ से छुपकर मचान पर / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[मेरे आगे बड़ी मुश्किल खड़ी है / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[बचपन में इस दरख़्त पे कैसा सितम हुआ / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[अगर हवाओं के रुख मेहरबाँ नहीं होते / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[वही अज़ाब वही आसरा भी जीने का / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[ख़ुश्क आँखों से कोई प्यास न जोड़ी हमने / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[क़ैदे- शबे- हयात बदन में गुज़ार के / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[नींदों के घर में घुस के चुकाये हिसाब सब / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[हया उतार चुकी है लिबास महफिल में / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[खुलती ही नहीं आँख उजालों के भरम से / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[पहले हिल-मिल के बिहीख़्वाह भी हो जाता है / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[कोई दस्तक कोई ठोकर नहीं है / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[आज तनक़ीद की लहरों में असीरों की तरह / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[कभी यकीन की दुनिया में जो गए सपने / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[मेरी आहों का दीवार पे असर हो शायद / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[थको न आस के पंछी उड़ान बाक़ी है / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[उस आसमाँ को शामो-सहर याद किया जाय / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[धरती पे रश्के-माह से कमतर नहीं हूँ मैं / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[किरदार खोलती है बयानात की महक / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[उसे पहनो न पहनो क्या कभी बदरंग लगता है / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[अधूरा ख़्वाब दिन चढ़ने पे मिट्टी बन ही जाता है / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[तुम्हारी धूप में फूलों को जब हयात मिली / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[वही अज़ाब वही आसरा भी जीने का / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[खुशफहमियों में चूर, अदाओं के साथ –साथ / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[मेरी ही धूप के टुकड़े चुरा के लाता है / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[आँखों में बस गया कोई बाँहों से दूर है / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[सादगी पहचान जिसकी ख़ामुशी आवाज़ है / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[तुझको सोचूँ तो फिर उस मोड़ पे सिन लगती है / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[वो सुकूँ है जबसे निकला हूँ उमस भरे मकाँ से / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[तेरे बयान का सच क्या है जान जाते हैं / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[वो थोड़ा है मगर काफ़ी ज़ियादा बन के रहता है / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[तमन्नाओं को जैसे क़ुव्वते -परवाज़ देती है / मयंक अवस्थी]] | ||
+ | * [[इसी ख़ातिर तो उसकी आरती हमने उतारी है / मयंक अवस्थी]] |
02:07, 1 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण
मयंक अवस्थी
www.kavitakosh.org/mawasthi
www.kavitakosh.org/mawasthi
जन्म | 25 जून 1964 |
---|---|
उपनाम | मयंक |
जन्म स्थान | जगपद, हरदोई, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
भारतीय रिजर्व बैंक नागपुर में कार्यरत | |
जीवन परिचय | |
मयंक अवस्थी / परिचय | |
कविता कोश पता | |
www.kavitakosh.org/mawasthi |
रचनाएँ
- तारों से और बात में कमतर नहीं हूँ मैं / मयंक अवस्थी
- मेरी ही धूप के टुकड़े चुरा के लाता है / मयंक अवस्थी
- सादगी पहचान जिसकी ख़ामुशी आवाज़ है / मयंक अवस्थी
- बिखर जाये न मेरी दास्ताँ तहरीर होने तक / मयंक अवस्थी
- जब ख़ुद में कुछ मिला न ख़दो –ख़ाल की तरह / मयंक अवस्थी
- वो कौन है वो क्या है जो इस दिल में छुपा है / मयंक अवस्थी
- चार –सू जो खामुशी का साज़ है / मयंक अवस्थी
- इक चाँद तीरगी में समर रोशनी का था / मयंक अवस्थी
- बैठे हो जिसके ख़ौफ से छुपकर मचान पर / मयंक अवस्थी
- मेरे आगे बड़ी मुश्किल खड़ी है / मयंक अवस्थी
- बचपन में इस दरख़्त पे कैसा सितम हुआ / मयंक अवस्थी
- अगर हवाओं के रुख मेहरबाँ नहीं होते / मयंक अवस्थी
- वही अज़ाब वही आसरा भी जीने का / मयंक अवस्थी
- ख़ुश्क आँखों से कोई प्यास न जोड़ी हमने / मयंक अवस्थी
- क़ैदे- शबे- हयात बदन में गुज़ार के / मयंक अवस्थी
- नींदों के घर में घुस के चुकाये हिसाब सब / मयंक अवस्थी
- हया उतार चुकी है लिबास महफिल में / मयंक अवस्थी
- खुलती ही नहीं आँख उजालों के भरम से / मयंक अवस्थी
- पहले हिल-मिल के बिहीख़्वाह भी हो जाता है / मयंक अवस्थी
- कोई दस्तक कोई ठोकर नहीं है / मयंक अवस्थी
- आज तनक़ीद की लहरों में असीरों की तरह / मयंक अवस्थी
- कभी यकीन की दुनिया में जो गए सपने / मयंक अवस्थी
- मेरी आहों का दीवार पे असर हो शायद / मयंक अवस्थी
- थको न आस के पंछी उड़ान बाक़ी है / मयंक अवस्थी
- उस आसमाँ को शामो-सहर याद किया जाय / मयंक अवस्थी
- धरती पे रश्के-माह से कमतर नहीं हूँ मैं / मयंक अवस्थी
- किरदार खोलती है बयानात की महक / मयंक अवस्थी
- उसे पहनो न पहनो क्या कभी बदरंग लगता है / मयंक अवस्थी
- अधूरा ख़्वाब दिन चढ़ने पे मिट्टी बन ही जाता है / मयंक अवस्थी
- तुम्हारी धूप में फूलों को जब हयात मिली / मयंक अवस्थी
- वही अज़ाब वही आसरा भी जीने का / मयंक अवस्थी
- खुशफहमियों में चूर, अदाओं के साथ –साथ / मयंक अवस्थी
- मेरी ही धूप के टुकड़े चुरा के लाता है / मयंक अवस्थी
- आँखों में बस गया कोई बाँहों से दूर है / मयंक अवस्थी
- सादगी पहचान जिसकी ख़ामुशी आवाज़ है / मयंक अवस्थी
- तुझको सोचूँ तो फिर उस मोड़ पे सिन लगती है / मयंक अवस्थी
- वो सुकूँ है जबसे निकला हूँ उमस भरे मकाँ से / मयंक अवस्थी
- तेरे बयान का सच क्या है जान जाते हैं / मयंक अवस्थी
- वो थोड़ा है मगर काफ़ी ज़ियादा बन के रहता है / मयंक अवस्थी
- तमन्नाओं को जैसे क़ुव्वते -परवाज़ देती है / मयंक अवस्थी
- इसी ख़ातिर तो उसकी आरती हमने उतारी है / मयंक अवस्थी