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शाम होने वाली है
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रचनाकार | शहरयार |
---|---|
प्रकाशक | वाणी प्रकाशन, 21-ए दरियागंज, नई दिल्ली-110002 |
वर्ष | 2005 |
भाषा | उर्दू |
विषय | |
विधा | ग़ज़लें और नज़्में |
पृष्ठ | 112 |
ISBN | |
विविध |
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ग़ज़ल
- दिल में तूफ़ान है और आँखों में तुग़यानी है / शहरयार
- शिकवा कोई दरिया की रवानी से नहीं है / शहरयार
- जो बुरा था कभी अब हो गया अच्छा कैसे / शहरयार
- तमाम शह्र में जिस अजनबी का चर्चा है / शहरयार
- जो कहते हैं कहीं दरिया नहीं है / शहरयार
- तेरे आने की ख़बर आते ही डर लगने लगा / शहरयार
- अब वक़्त जो आने वाला है किस तरह गुज़रने वाला है / शहरयार
- क़रार हिज्र में आउआ सुकून, दर्द के साथ / शहरयार
- मैं दुखी हूँ, सब ये कहते हैं ख़ुशी की बात है / शहरयार
- तुमको मुबारक शामिल होना बंजारों में / शहरयार
- सुनता हूँ, अब तू नहीं इन्कारी इस बात से / शहरयार
- जो बात करने की थी, काश मैंने की होती / शहरयार
- किसी कली, किसी महताब में निहाँ होगा / शहरयार
- जाने क्या देखा था मैंने ख़्वाब में / शहरयार
- इबादत रात-दिन इक शख़्स की ऎसे नहीं की थी / शहरयार
- इस जगह ठहरूँ या वहाँ से सुनूँ / शहरयार
- मैंने जिसको कभी भुलाया नहीं / शहरयार
- तुम्हारे शह्र में कुछ भी हुआ नहीं है क्या / शहरयार
- यूँ ख़जिल होना न पड़ता दोस्तो इन्कार पर / शहरयार
- इसे गुनाह कहें या कहें सवाब का काम / शहरयार
- तुझको खोकर क्यों ये लगता है कि कुछ खोया नहीं / शहरयार
- कहीं ज़रा-सा अंधेरा भी कल की रात न था / शहरयार
- फ़िज़ाएँ धुंध से सरगोशियों की और अट जाएँ / शहरयार
- मैं प्यासा और भी प्यासा था और सैराब था वह / शहरयार
- शोहरत ही मिली है देखो सदा रुसवाई में / शहरयार
- कुछ देर रही हलचल मुझ प्यास से पानी में / शहरयार
- चाहता कुछ हूँ मगर लब पे दुआ है कुछ और / शहरयार
- ये क्या हुआ कि ख़ामोशी भी गुनगुनाने लगी / शहरयार
- कभी अपने से मुझको ख़ुश्गुमाँ होने नहीं दोगे / शहरयार
- दुनिया में कहीं है भी, नहीं भी है, अजब है / शहरयार
- बुझने के बाद जलना गवारा नहीं किया / शहरयार
- निस्बत रहे तुमसे सदा हज़रत निज़ामुद्दीन जी / शहरयार
- तेरी जुदाई में क्या-क्या दिखाई देता है / शहरयार
- आँख खुले शादाब-सा इक चेह्रा देखूँ / शहरयार
- एक उम्मीद है जो दिल में मकीं हो गई है / शहरयार
- यही एक वह्म है जो और कुछ जीने की हसरत है / शहरयार
- पड़ाव आए कई, एक घर नहीं आया / शहरयार
- ऎ मुसाफ़िरे-तन्हा, शाम होने वाली है / शहरयार
- मुझे ख़्वाब आसमाँ से फिर उतर जाने को कहती है / शहरयार
- सूरज का जलना, बुझ जाना, खेल हवा के हाथ का है / शहरयार
- हक़ीक़त हूँ कि बस एक वाहमा हूँ / शहरयार
- महफ़िल में बहुत लोग थे, माईं तन्हा गया था / शहरयार
- तेरी गली से दबे पाँव क्यों गुज़रता हूँ / शहरयार
- ज़मीं दामन कशाँ है अब ज़ियाँ से / शहरयार
- दिल में रखता है न पलकों पर बिठाता है मुझे / शहरयार
- एक ही धुन है कि इस रात को ढलता देखूँ / शहरयार
- ऎसी तारीकी है, मेरा दिल बहुत घबराए है / शहरयार
- ये चाहती है हवा उसको आज़माऊँ न मैं / शहरयार
- वक़्फ़ए-जुदाई को उसके नाम कर दो तुम / शहरयार
- जो पहले ख़ूब हँसा ज़िन्दगी पे रोएगा अब / शहरयार
- ज़िन्दा लोगों से कभी खुल के मुलाक़ात करो / शहरयार
- कटेगा देखिए दिन जाने किस अज़ाब के साथ / शहरयार
- सुनो ख़ुश-बख़्त लोगो! लम्हए-नायाब आया है / शहरयार
- जो मंज़र देखने वाली हैं आँखें रोने वाला है / शहरयार
- सबसे जुदा हूँ मैं भी, अलग तू भी सबसे है / शहरयार
- दोस्त अहबाब की नज़रों में बुरा हो गया मैं / शहरयार
- तेरी फितरत / शहरयार
नज़्म
- बदन के आस-पास / शहरयार
- नींद से आगे की मंज़िल / शहरयार
- ख़लीलुर्रहमान आज़मी की याद में / शहरयार
- ख़्वाब को देखना कुछ बुरा तो नहीं / शहरयार
- सफ़र की इब्तिदा नए सिरे से हो / शहरयार
- ज़मीन से दूर / शहरयार
- लम्बी चुप का नतीजा / शहरयार
- सवारे-बेसमंद / शहरयार
- अज़ाब की लज़्ज़त / शहरयार
- पानी की दीवार का गिरना / शहरयार
- सज़ा की ख़्वाहिश / शहरयार
- किस तरह निकलूँ / शहरयार
- तसलसुल के साथ / शहरयार
- सहरा की हदों में दाख़िल / शहरयार
- जो इन्सान था पहले कभी / शहरयार
- मेरे हाफ़िज़े मेरा साथ दे / शहरयार
- रेंगने वाले लोग / शहरयार
- मैं डरता हूँ / शहरयार
- उस उदास शाम तक / शहरयार
- देर तक बारिश होती / शहरयार
- ज़िन्दा रहने की शर्त / शहरयार
- अजीब काम / शहरयार
- मंज़र कितना अच्छा होगा / शहरयार
- जीने की हवस / शहरयार
- एक सच / शहरयार
- बदन पाताल / शहरयार
- तुझे कुछ याद आता है / शहरयार
- सुबह से उदास हूँ / शहरयार
- ऎ तन्हाई! / शहरयार
- फ़िरक़ापरस्ती / शहरयार
- सज़ा पाओगे / शहरयार
- लम्बे बोसों का मरकज़ / शहरयार
- जागने का लुत्फ़ / शहरयार
- सच बोलने की ख़्वाहिश / शहरयार
- सहर का खौफ़ / शहरयार
- जीने की लत / शहरयार
- अज़ल की नग़्मगी / शहरयार
- असद बदायूँनी की मौत पर / शहरयार