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"घर-आँगन (रुबाइयाँ) / जाँ निसार अख़्तर" के अवतरणों में अंतर

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* [[तू देश के महके हुए आँचल में पली / जाँ निसार अख़्तर]]
 
* [[तू देश के महके हुए आँचल में पली / जाँ निसार अख़्तर]]
 
* [[सीने पे पड़ा हुआ ये दोहरा आँचल / जाँ निसार अख़्तर]]
 
* [[सीने पे पड़ा हुआ ये दोहरा आँचल / जाँ निसार अख़्तर]]
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* [[कपड़ों को समेटे हुए उट्ठी है मगर / जाँ निसार अख़्तर]]
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* [[कहती है इतना न करो तुम इसरार / जाँ निसार अख़्तर]]
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* [[हर सुबह को गुंचे में बदल जाती है / जाँ निसार अख़्तर]]
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* [[गाती हुई हाथों में ये सिंगर की मशीन / जाँ निसार अख़्तर]]
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* [[नज़रों से मेरी खुद को बचाले कैसे / जाँ निसार अख़्तर]]
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* [[हर एक घड़ी शाक़ गुज़रती होगी / जाँ निसार अख़्तर]]
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* [[इक बार गले से उनके लगकर रो ले / जाँ निसार अख़्तर]]
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* [[पानी कभी दे रही है फुलवारी में / जाँ निसार अख़्तर]]
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* [[तेरे लिये बेताब हैं अरमाँ कैसे / जाँ निसार अख़्तर]]
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* [[आँगन में खिले गुलाब पर जा बैठी / जाँ निसार अख़्तर]]

13:29, 19 अक्टूबर 2009 का अवतरण


घर-आँगन (रुबाइयाँ)
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रचनाकार जाँ निसार अख़्तर
प्रकाशक
वर्ष
भाषा हिन्दी
विषय
विधा
पृष्ठ
ISBN
विविध
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