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+ | * [[अमीर कहता है इक जलतरंग है दुनिया / सर्वत एम जमाल]] | ||
+ | * [[लिखते हैं, दरबानी पर भी लिक्खेंगे / सर्वत एम जमाल]] | ||
+ | * [[कितने दिन, चार, आठ, दस, फिर बस / सर्वत एम जमाल]] | ||
+ | * [[क्या हम इस बात पर गुमान करें / सर्वत एम जमाल]] | ||
+ | * [[पैदा जब अपनी फ़ौज में गद्दार हो गए / सर्वत एम जमाल]] |
03:04, 10 जून 2010 का अवतरण
सर्वत एम जमाल
www.kavitakosh.org/sarwatmjamal
www.kavitakosh.org/sarwatmjamal
जन्म | 29 अक्तूबर 1956 |
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जन्म स्थान | लखनऊ, उत्तरप्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
सर्वत एम जमाल / परिचय | |
कविता कोश पता | |
www.kavitakosh.org/sarwatmjamal |
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- दूसरों पर ख़ुद को भारी करके देख / सर्वत एम जमाल
- ये हवा, कैसी भी हो, चलती तो है / सर्वत एम जमाल
- लोग कहते बदन से खाल तक / सर्वत एम जमाल
- हर तरफ़ एक ही समां क्यों है / सर्वत एम जमाल
- शोर तो यही था ना ! बदगुमान हैं चेहरे / सर्वत एम जमाल
- शौहर बोला क्यों कडुवाहट घोले जाती है / सर्वत एम जमाल
- सारा गाँव एकजुट था, अड़ गई हवेली फिर / सर्वत एम जमाल
- उम्मीद सभी को है कि इस बार लकीरें / सर्वत एम जमाल
- फिर कहा उस ने, वजू करना / सर्वत एम जमाल
- अजब हैं लोग थोड़ी सी परेशानी से डरते हैं / सर्वत एम जमाल
- हर पल दुःख जैसा लगता है / सर्वत एम जमाल
- चमकती रोशनी आँखों के जब नजदीक होती है / सर्वत एम जमाल
- हम न काग़ज़ हैं न कोई सींक हैं / सर्वत एम जमाल
- मुझे ये वक्त घुटन से रिहाई भी देगा / सर्वत एम जमाल
- हर घड़ी इस तरह मत सोचा करो / सर्वत एम जमाल
- क्या है और क्या पास नहीं है / सर्वत एम जमाल
- मैं भी इस दौर के बशर सा हूँ / सर्वत एम जमाल
- रोशनी सब को दिखलाइये / सर्वत एम जमाल
- भला ये कोई ढंग है, मिला के हाथ देखिए / सर्वत एम जमाल
- अमीर कहता है इक जलतरंग है दुनिया / सर्वत एम जमाल
- लिखते हैं, दरबानी पर भी लिक्खेंगे / सर्वत एम जमाल
- कितने दिन, चार, आठ, दस, फिर बस / सर्वत एम जमाल
- क्या हम इस बात पर गुमान करें / सर्वत एम जमाल
- पैदा जब अपनी फ़ौज में गद्दार हो गए / सर्वत एम जमाल