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पछिया पुकारै छै
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रचनाकार | खुशीलाल मंजर |
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प्रकाशक | समय साहित्य सम्मेलन, पुनसिया, भागलपुर, बिहार |
वर्ष | 1984 |
भाषा | अंगिका |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | 41 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- ताकै छी ताकै छी ताकतै रहै छी / खुशीलाल मंजर
- असथिरऽ सें सोचऽ / खुशीलाल मंजर
- अभियऽ तेॅ चेतऽ / खुशीलाल मंजर
- पूछें नै मनऽ के बात / खुशीलाल मंजर
- तोहरे लेॅ कहै छियौ / खुशीलाल मंजर
- केना केॅ ढोबै जिनगी / खुशीलाल मंजर
- मारै छै कलेजा में टीस / खुशीलाल मंजर
- चाटै छी सीत / खुशीलाल मंजर
- अच्छा नै लागै सिंगार / खुशीलाल मंजर
- केकरऽ केकरऽ बात करै छौ / खुशीलाल मंजर
- घोर कलजुग ऐलै / खुशीलाल मंजर
- हमरऽ नै सरकारे के मानऽ / खुशीलाल मंजर
- काटै छै बाघऽ रं रात / खुशीलाल मंजर
- मरला केॅ नै मारऽ / खुशीलाल मंजर
- हम्मू पिया संगे आय जैबै गे माय / खुशीलाल मंजर
- ऊपरऽ से लागथौं ठिक्के / खुशीलाल मंजर
- सूनऽ सूनऽ घऽर लागै छै / खुशीलाल मंजर
- हमरो पिया छै बेईमान सुनगे ननदी / खुशीलाल मंजर
- मैयो पोसली धीया चलली ससुररिया / खुशीलाल मंजर
- साथैं जीबै साथैं मरबै / खुशीलाल मंजर
- झूठऽ के बारात छै अखनी / खुशीलाल मंजर
- तोरऽ हमरऽ साथ / खुशीलाल मंजर
- ई बरसा रऽ रात / खुशीलाल मंजर
- लाजऽ नै लागै छै / खुशीलाल मंजर
- पिया से कहबै / खुशीलाल मंजर
- उपाय / खुशीलाल मंजर
- केकरा सें कहबै दुख सहलऽ नै जाय / खुशीलाल मंजर
- गाँव के डगरिया में चढ़ती दुपहरिया में / खुशीलाल मंजर
- तोहरऽ बिना / खुशीलाल मंजर
- ई मौका / खुशीलाल मंजर
- तोहें रिम्हऽ भात गोरिया / खुशीलाल मंजर
- बड़ी जतन सें जनम जे देलकै / खुशीलाल मंजर
- बात / खुशीलाल मंजर
- बरसै छै गे बहिन आँखी सें लोर / खुशीलाल मंजर