भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
देवी नांगरानी
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:27, 4 जुलाई 2012 का अवतरण
देवी नांगरानी
www.kavitakosh.org/devinangrani
www.kavitakosh.org/devinangrani
जन्म | 11 मई 1941 |
---|---|
उपनाम | |
जन्म स्थान | कराची, पाकिस्तान |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
ग़म में भीगी खुशी (सिंधी गज़ल संग्रह 2004); उड़ जा पँछी (सिंधी भजन संग्रह 2007); चराग़े-दिल (हिंदी गज़ल संग्रह 2007) | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
देवी नांगरानी / परिचय | |
कविता कोश पता | |
www.kavitakosh.org/devinangrani |
- चराग़े-दिल / देवी नांगरानी (ग़ज़ल संग्रह)
<sort order="asc" class="ul">
- उड़ गए बालो-पर उड़ानों में... / देवी नांगरानी
- ज़िन्दगी के चन्द लम्हे... / देवी नांगरानी
- टूटे हुए उसूल थे, जिनका रहा गुमाँ / देवी नांगरानी
- चक्रव्यूह / देवी नांगरानी
- कलियों के होंट छूकर वो मुस्करा रहा है / देवी नांगरानी
- सहरा भी गुलज़ार भी तो हैं / देवी नांगरानी
- दिल ना माने कभी तो क्या कीजे / देवी नांगरानी
- हमने पाया तो बहुत कम है बहुत खोया है / देवी नांगरानी
- ये है पहचान एक औरत की / देवी नांगरानी
- दिल से मिलाये बिन भी दिल / देवी नांगरानी
- ज़िंदगी एक आह होती है / देवी नांगरानी
- कुछ अंधेरो में दीपक जलाओ / देवी नांगरानी
- अब ख़ुशी की हदों के पार हूँ मैं / देवी नांगरानी
- कसमसाता बदन रहा मेरा / देवी नांगरानी
- ख़लिश से गुज़रते रहे जो / देवी नांगरानी
- खुशबू वतन की / देवी नांगरानी
- घर में वो जब भी आया होगा / देवी नांगरानी
- चढ़ा था जो सूरज / देवी नांगरानी
- छीन ली मौसमों ने है आज़ादियाँ / देवी नांगरानी
- जब दुख में अबला रोती है / देवी नांगरानी
- ज़माने से रिश्ता बनाकर तो देखो / देवी नांगरानी
- ठहराव ज़िन्दगी में दुबारा नहीं मिला / देवी नांगरानी
- तेरी रहमतों में सहर नहीं / देवी नांगरानी
- दिल न मुझसे कभी ख़फा होता / देवी नांगरानी
- दोस्तों का है अजब ढब / देवी नांगरानी
- बहता रहा जो दर्द / देवी नांगरानी
- भटके हैं तेरी याद में / देवी नांगरानी
- मेरा शुमार कर लिया / देवी नांगरानी
- मैं तो साहिल पे आकर रहा डूबता / देवी नांगरानी
- वो हवा शोख पत्ते उड़ा ले गई / देवी नांगरानी
- शीशे के मेरे घर के हैं ... / देवी नांगरानी
- सबका मन अपना दुश्मन है / देवी नांगरानी
- साथ चलते देखे हमने ... / देवी नांगरानी
- सोच की चट्टान पर बैठी रही / देवी नांगरानी
- सोच को मेरी नई वो / देवी नांगरानी
- हिज्र में उसके जल रहे जैसे / देवी नांगरानी
- डर उसे फिर न रात का होगा / देवी नांगरानी
- झूठ सच के बयान में रक्खा / देवी नांगरानी
- दिल को हम कब उदास करते हैं / देवी नांगरानी
- ख़यालो-ख़्वाब में ही महफिलें सजाता है / देवी नांगरानी
- कुछ बाल कविताएँ / देवी नांगरानी
- धीरे धीरे शाम चली आई / देवी नांगरानी
</sort>