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सलीम रज़ा रीवा
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सलीम रज़ा रीवा
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जन्म | 15 जुलाई 1975 |
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उपनाम | रज़ा |
जन्म स्थान | रीवा, मध्य प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
मूल नाम मोहम्मद सलीम रज़ा | |
जीवन परिचय | |
सलीम रज़ा रीवा / परिचय |
ग़ज़लें
- हँस दे तो खिले कलियाँ गुलशन में बहार आए / सलीम रज़ा रीवा
- हरेक शै से ज़ियादा वो प्यार करता है / सलीम रज़ा रीवा
- साथ मुझको तुम्हारा मिले न मिले / सलीम रज़ा रीवा
- दर-दर फिरते लोगों को दर दे मौला / सलीम रज़ा रीवा
- जाने कैसे होंगे आंसू बहते हैं तो बहने दो / सलीम रज़ा रीवा
- रिश्ते वफ़ा के सब से निभाकर तो देखिए / सलीम रज़ा रीवा
- कहीं पे चीख होगी और कहीं किलकारीयाँ होंगी / सलीम रज़ा रीवा
- गुलशन में जैसे फूल कली ताज़गी नहीं / सलीम रज़ा रीवा
- जब से उनकी मेहरबानी हो गई / सलीम रज़ा रीवा
- यूँ मजहबों में बंट के ना संसार बांटिये / सलीम रज़ा रीवा
- क्यूँ कहते हो कोई कमतर होता है / सलीम रज़ा रीवा
- अज़ीज़ जान से ज्यादा है शायरी कि तरह / सलीम रज़ा रीवा
- मुश्क़िलों में दिल के भी रिश्ते पुराने हो गए / सलीम रज़ा रीवा
- चाँद सूरज में सितारों में तेरा नाम रहे / सलीम रज़ा रीवा
- मेरा मज़हब यही सिखाता है / सलीम रज़ा रीवा
- मेरे महबूब कभी मिलने मिलाने आजा / सलीम रज़ा रीवा
- मय की आगोश में मज़बूर दीवाने आए / सलीम रज़ा रीवा
- माना की लोग जीते हैं हर पल खुशी के साथ / सलीम रज़ा रीवा
- इश्क तुमसे किया नहीं होता / सलीम रज़ा रीवा
- ये दुनिया खूबसूरत है ज़माना खुबसूरत है / सलीम रज़ा रीवा
- मोतियों की तरह जगमगाते रहो / सलीम रज़ा रीवा