करिया झुम्मर खेलै छी
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रचनाकार | अमरेन्द्र |
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प्रकाशक | शेखर प्रकाशन पटना |
वर्ष | 1992 |
भाषा | अंगिका |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | 48 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- ताड़ काटूँ, तरकुन काटूँ / अमरेन्द्र
- रौदा उग रे ऐंगना / अमरेन्द्र
- अलिया गे, झलिया गे / अमरेन्द्र
- अड़गड़ मारूं, बड़गड़ मारूं / अमरेन्द्र
- हिन्नें लोढ़ी हुन्नें पाटी / अमरेन्द्र
- कागज-कत्तर कलम-दवात / अमरेन्द्र
- औका-बौका तीन तड़ौका / अमरेन्द्र
- इति-इति पुड़िया, पकड़ कनैठिया / अमरेन्द्र
- तोहरोॅ डेंगिया खूब पूजै छी / अमरेन्द्र
- कनियाँय-मनियाँय झिंगा-झोर / अमरेन्द्र
- सुइया हेराय गेलोॅ खोजी दे / अमरेन्द्र
- अंतर-मंतर घोंघा-साड़ी / अमरेन्द्र
- धान कूटै धनियाँ / अमरेन्द्र
- जय गनेश देबा / अमरेन्द्र
- के-के जैबे गंगा पार / अमरेन्द्र
- एकोॅ माथा पर / अमरेन्द्र
- आमोॅ के लकड़ी कड़ा-कड़ी / अमरेन्द्र
- रघुपति राघव राजा राम / अमरेन्द्र
- सब्भे कुछ भूली गेला / अमरेन्द्र
- सिंगार सोलहो / अमरेन्द्र
- करिया झुम्मर / अमरेन्द्र
- घघ्घो रानी कत्तेॅ पानी / अमरेन्द्र
- खुट्टा अगोरनी माय-बाप चोरनी / अमरेन्द्र
- नानी गेलौ पानी भरेॅ / अमरेन्द्र
- घुघुआ-घू, मलेल फूल / अमरेन्द्र
- अथरो-बिथरो / अमरेन्द्र
- बाबू हो बाबू हो, डोॅर लागै छै / अमरेन्द्र
- देशोॅॅ लेॅ सोचोॅ / अमरेन्द्र
- कहला सेॅ, छक सेॅ लागथौं / अमरेन्द्र
- लुक्खी-बनरिया दाल-भात खो / अमरेन्द्र
- कवि-प्रिया / अमरेन्द्र
- हास्य-गीत / अमरेन्द्र
- चकय के चकधुम / अमरेन्द्र
- केकरोॅ बीहा कन्नें / अमरेन्द्र