साग़र सिद्दीक़ी
जन्म | 1928 |
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निधन | 19 जुलाई 1974 |
जन्म स्थान | अम्बाला, पंजाब, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
साग़र सिद्दीक़ी / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- अज़्मत-ए-ज़िन्दगी को बेच दिया / सागर सिद्दीकी
- आहन की सुर्ख़ ताल पे हम रक़्स कर गए / साग़र सिद्दीक़ी
- इस दर्जा इश्क़ मौजिब-ए-रुस्वाई बन गया / साग़र सिद्दीकी
- एक नग़्मा इक तारा एक ग़ुंचा एक जाम / साग़र सिद्दीकी
- एक मुद्दत हुई एक ज़माना हुआ / साग़र सिद्दीकी
- एक वादा है किसी का जो वफ़ा होता नहीं / साग़र सिद्दीकी
- ऐ दिल-ए-बे-क़रार चुप हो जा / साग़र सिद्दीकी
- ऐ हुस्न-ए-लालाफ़ाम ज़रा आँख तो मिला / साग़र सिद्दीकी
- कलियों की महक होता तारों की ज़िया होता / साग़र सिद्दीकी
- ख़ता-वार-ए-मुरव्वत हो न मरहून-ए-करम हो जा / साग़र सिद्दीकी
- ग़म के मुजरिम ख़ुशी के मुजरिम हैं / साग़र सिद्दीकी
- चराग़-ए-तूर जलाओ बड़ा अँधेरा है / साग़र सिद्दीकी
- चाक-ए-दामन को जो देखा तो मिला ईद का चाँद / साग़र सिद्दीकी
- चाँदनी को रुसूल कहता हूँ / साग़र सिद्दीकी
- चाँदनी शब है सितारों की रिदाएँ सी लो / साग़र सिद्दीकी
- छुपाये दिल में ग़मों का जहान बैठे हैं / साग़र सिद्दीकी
- ज़ख़्म-ए-दिल पर बहार देखा है / साग़र सिद्दीकी
- जज़्बा-ए-सोज़-ए-तलब को बे-कराँ करते चलो / साग़र सिद्दीकी
- जाम टकराओ ! वक़्त नाज़ुक है / साग़र सिद्दीकी
- तारों से मेरा जाम भरो मैं नशे में हूँ / साग़र सिद्दीक़ी
- तिरी नज़र के इशारों से खेल सकता हूँ / साग़र सिद्दीकी
- तेरी नज़र का रंग बहारों ने ले लिया / साग़र सिद्दीकी
- तेरी दुनिया में या रब ज़ीस्त के सामान जलते हैं / साग़र सिद्दीकी
- तेरे दामन की हवा माँगते हैं / साग़र सिद्दीकी
- दमादम मस्त कलन्दर / साग़र सिद्दीक़ी
- दुख दर्द की सौग़ात है दुनिया तेरी क्या है / साग़र सिद्दीकी
- नज़र नज़र बे-क़रार सी है नफ़स नफ़स में शरार सा है / साग़र सिद्दीकी
- पूछा किसी ने हाल किसी का तो रो दिए / साग़र सिद्दीक़ी
- बर्गश्ता-ए-यज़्दाँ से कुछ भूल हुई है / साग़र सिद्दीकी
- बात फूलों की सुना करते थे / साग़र सिद्दीकी
- भूली हुई सदा हूँ मुझे याद कीजिये / साग़र सिद्दीकी
- मआल-ए-नग़्मा-ओ-मातम फ़रोख़्त होता है / साग़र सिद्दीकी
- मता-ए-कौसर-ओ-ज़मज़म के पैमाने तिरी आँखें / साग़र सिद्दीकी
- महफ़िलें लुट गईं जज़्बात ने दम तोड़ दिया / साग़र सिद्दीकी
- मुस्कुराओ बहार के दिन हैं / साग़र सिद्दीकी
- मेरे तसव्वुरात हैं तहरीरें इश्क़ की / साग़र सिद्दीकी
- मैं तल्ख़ी-ए-हयात से घबरा के पी गया / साग़र सिद्दीक़ी
- मैं तलखि़ये हयात से घबरा के पी गया / साग़र सिद्दीकी
- झूम के गाओ मैं शराबी हूँ / साग़र सिद्दीकी
- ये जो दीवाने से दो-चार नज़र आते हैं / साग़र सिद्दीक़ी
- ये जो दीवाने से दो चार नज़र आते हैं / साग़र सिद्दीकी
- राहज़न आदमी रहनुमा आदमी / साग़र सिद्दीक़ी
- रूदाद-ए-मुहब्बत क्या कहिये / साग़र सिद्दीकी
- ला इक ख़ुम-ए-शराब कि मौसम ख़राब है / साग़र सिद्दीकी
- वक़्त की उम्र क्या बड़ी होगी / साग़र सिद्दीकी
- वक़्त के रंगीं गुल-दस्ते को याद आएगा ठण्डा हाथ / साग़र सिद्दीकी
- वो बुलायें तो क्या तमाशा हो / साग़र सिद्दीकी
- साक़ी की इक निगाह के अफ़्साने बन गए / साग़र सिद्दीकी
- हर मरहला-ए-शौक़ से लहरा के गुज़र जा / साग़र सिद्दीकी
- हर शय है पुर-मलाल बड़ी तेज़ धूप है / साग़र सिद्दीकी
- है दुआ याद मगर हर्फ़-ए-याद नहीं / साग़र सिद्दीक़ी
- है दुआ याद मगर हर्फ़-ए-दुआ याद नहीं / साग़र सिद्दीकी