भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हरियाणवी भजन / हरियाणवी
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:45, 9 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=हरियाणवी |रचनाकार= |संग्रह= }} {{KKCatHaryanaviRach...' के साथ नया पन्ना बनाया)
हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
- उठ जाग रै मुसाफिर किस नींद सो रह्या है / हरियाणवी
- तू परेम के रंग मैं रंग दे चोला आण रे बनवारी / हरियाणवी
- या पंचाती धरमसाला क्यूं करदा झूठी मेर रे / हरियाणवी
- कित रम गया जोगी मंढी सूनी / हरियाणवी
- मेरी तेरी कोन्या बणै रे मन ऊत / हरियाणवी
- मन डटदा कोन्या डाटूं सूं रोज भतेरा / हरियाणवी
- दुनिआं मैं रे बाबा नहीं रे गुजारा किसी ढब तै / हरियाणवी
- लोभ मोह उड़ै दोनूं ए कोन्यां धर्म तुलै सै हमेस / हरियाणवी
- बागां मैं दुख सै बगीचां मैं दुख सै / हरियाणवी
- बेबे हे करम्यां की गत न्यारी / हरियाणवी
- दुख देते मात पिता को वे नहीं धरम के लाल जी / हरियाणवी
- गलती मैं जो कुछ बणी सो बणी / हरियाणवी
- बहणो सुणो लगा के कान / हरियाणवी
- गजराई नै टेर लगाई गज घंटा दिया बजाई / हरियाणवी
- मुख तै बोलो रे जै जै सीता राम / हरियाणवी
- भजन हरि का कर प्राणी / हरियाणवी
- हरि भज ले हरि भज ले / हरियाणवी
- ईसवर के गुण गाइये मेरी बहना / हरियाणवी
- हे राजा राणी चले बनबास बड़ तले ला लिया डेरा / हरियाणवी
- दे दे करण तैं दान जाचक खड़े साह्मणै / हरियाणवी
- सात सखिआं के झूमके राधे न्हाण चाली हो राम / हरियाणवी
- हे हर जी ल्याए हैं झोली भर फूल / हरियाणवी
- ए जी जित बांटे झोली भर फूल / हरियाणवी