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"शेष बची चौथाई रात / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'" के अवतरणों में अंतर

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*[[कौन कहता है की हम मर जाएँगे / वीरेन्द्र खरे 'अकेला' ]]
 
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*[[पीड़ा का व्यापार किसी के कहने पर  / वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
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*[[रवि-किरणों से लड़ी हुई हैं नई कोंपलें ग़ज़लों की / वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
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*[[रो दिए खो चुके आत्मबल हैं नयन  / वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
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*[[आजकल तो रास्ता अंधे भी दिखलाने लगे  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
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*[[रूठा जब से सावन है  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
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*[[ये वक़्त मेहमान के आने का वक़्त है  /वीरेन्द्र खरे 'अकेला' ]]
 
*[[ये वक़्त मेहमान के आने का वक़्त है  /वीरेन्द्र खरे 'अकेला' ]]
 
*[[रूठा हुआ है मुझसे इस बात पर ज़माना  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
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*[[अपलक मुझे निहारा करते दो नैना  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
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*[[स्वप्न सागर-पार का बेकार है  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
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*[[हमने करली सफ़र की तैयारी  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
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*[[प्यार किसी का पाले कौन  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
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*[[मुझको आज मिली सच्चाई  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
*[[मुझको आज मिली सच्चाई  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
*[[इस दौर में ईमान जिस के पास होता है  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
*[[इस दौर में ईमान जिस के पास होता है  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
*[[पत्थर को पिघलाने जैसा तुम को प्यार सिखाना है  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
*[[पत्थर को पिघलाने जैसा तुम को प्यार सिखाना है  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
*[[तुमने ही मुंह मोड़ लिया मन की आशाएं जाएँ कहाँ  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
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*[[दर्दे -दिल पहुंचेगा अब अंजाम तक  /वीरेन्द्र खरे 'अकेला' ]]
 
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*[[उठती  शंकाओं पार सोच विचार बहुत आवश्यक है  /वीरेन्द्र खरे 'अकेला' ]]
 
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*[[फिर बढ़ाना  द्वार पर पाबंदियां  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
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*[[जाग उठे हैं सपने क्या -क्या अय हय हय  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
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*[[दिल के दरिया में उतरने का मज़ा भी जान ले  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
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*[[दिल के दरिया में उतरने का मज़ा भी जान ले  /वीरेन्द्र खरे 'अकेला' ]]
 
*[[रंज के सैलाब में मुझको बहाकर ले गया  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
*[[रंज के सैलाब में मुझको बहाकर ले गया  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
*[[कभी नयन को नम कर जातीं प्रेयसि तेरी स्मृतियाँ  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
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*[[कभी नयन को नम कर जातीं प्रेयसि तेरी स्मृतियाँ  /वीरेन्द्र खरे 'अकेला' ]]
*[[करके इश्क पड़ा पछताना  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
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*[[उमीदों के कई रंगीं फसाने ढूंढ़ लेते हैं  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
*[[उमीदों के कई रंगीं फसाने ढूंढ़ लेते हैं  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
*[[भूल कर भेदभाव कई बातें  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
*[[भूल कर भेदभाव कई बातें  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
*[[दिन बीता लो आई रात  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
*[[दिन बीता लो आई रात  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
*[[चिकनी चुपड़ी बातों के मतलब मैं बोलूँगा  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
*[[चिकनी चुपड़ी बातों के मतलब मैं बोलूँगा  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
*[[फासले कुछ कम हुए हैं  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
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*[[फासले कुछ कम हुए हैं  /वीरेन्द्र खरे 'अकेला' ]]
 
*[[बढ़ते उपचारों का युग है  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
*[[बढ़ते उपचारों का युग है  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
*[[कब से बैठा सोच रहा हूँ मैं क्या भूल गया  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
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*[[कब से बैठा सोच रहा हूँ मैं क्या भूल गया  /वीरेन्द्र खरे 'अकेला' ]]
 
*[[कब होती है कोई आह्ट /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
*[[कब होती है कोई आह्ट /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
 
*[[चिकित्सकों को मैं यारो बीमार समझ में ना आया /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]     
 
*[[चिकित्सकों को मैं यारो बीमार समझ में ना आया /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]     
 
*[[दूर से ही हाथ जोड़े हमने ऐसे ज्ञान से  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]     
 
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*[[झंकृत है आज मेरे मन का हर तार मुझे प्यार हो गया  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]     
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*[[पूछो मत क्या हाल चाल हैं  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]   
 
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*[[खुद की नहीं खबर प्यारे    /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]   
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*[[गुल को अंगार कर गया है ग़म  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]   
 
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*[[हर ख़ुशी ग़म में बदलती है कहो कैसे हँसूं /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]   
 
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*[[जो पूछो तो मेरी उमर कुछ नहीं है /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]   
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*[[चाहते हैं वृक्ष से छाया घनी /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]     
 
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*[[क्या पता था यह सियासी खेल खेला जायेगा  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]   
 
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*[[जो खुल कर अपनी भी खामी कहते हैं  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]   
 
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*[[क्या व्यवस्थित रख सकेंगे निज घरों को /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]   
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*[[ली गई थी जो परीक्षा वो बड़ी भारी न थी /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]   
 
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*[[किसको किसको ले के जायेगा ख़ुशी के गाँव में /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]  
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*[[छल किया है छल मिलेगा आपको  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]   
 
*[[छल किया है छल मिलेगा आपको  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]   
*[[सूना घर आंगन लागे है ए साथी  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]   
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*[[सूना घर आंगन लागे है ए साथी  /वीरेन्द्र खरे 'अकेला' ]]   
*[[अपना सा हर शख्स हुआ है  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]   
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*[[अपना सा हर शख्स हुआ है  /वीरेन्द्र खरे 'अकेला' ]]   
 
*[[गुजरेंगे इस चमन से तूफान और कितने /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]  
 
*[[गुजरेंगे इस चमन से तूफान और कितने /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]  
 
*[[उम्मीद कुछ जगा के भरोसे के आदमी  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]     
 
*[[उम्मीद कुछ जगा के भरोसे के आदमी  /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]     
*[[कुछ मुक्तक /वीरेन्द्र खरे अकेला ]]
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*[[कुछ मुक्तक /वीरेन्द्र खरे 'अकेला' ]]

17:58, 19 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण

शेष बची चौथाई रात
Shesh.bachi.chouthaayi.raat.jpg
रचनाकार वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
प्रकाशक अयन प्रकाशन, महरौली, नई दिल्ली-110030
वर्ष 1999
भाषा हिन्दी
विषय आम आदमी के जीवन और व्यवस्था की ख़ामियों पर केन्द्रित ग़ज़लें
विधा ग़ज़लें
पृष्ठ 80
ISBN 81-7408-135-6
विविध 80.00 रूपये
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।

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