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इन्द्रधनुष के अर्थ / दिनेश जुगरान
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इन्द्रधनुष के अर्थ
रचनाकार | दिनेश जुगरान |
---|---|
प्रकाशक | आधार प्रकाशन, पंचकूला, हरियाणा |
वर्ष | 2003 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | कविता |
पृष्ठ | 104 |
ISBN | 978-81-7675-99-7 |
विविध |
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- प्रार्थना की तरह तुम्हारी विदा / दिनेश जुगरान
- फूल की अंतिम सुगंध / दिनेश जुगरान
- मेरा हरापन / दिनेश जुगरान
- विश्वास / दिनेश जुगरान
- जब यह शीश टूटे / दिनेश जुगरान
- लेकिन तुम्हारे भीतर नहीं / दिनेश जुगरान
- जैसे फूल से अलग होकर / दिनेश जुगरान
- उसी क्षण / दिनेश जुगरान
- काल से बाहर / दिनेश जुगरान
- इंद्रधनुष के अर्थ / दिनेश जुगरान
- बंद आँखों में कोई सपना नहीं रह पाता! / दिनेश जुगरान
- रात के तीसरे पहर का नज़ारा / दिनेश जुगरान
- काँच के अन्दर की ख़ामोशी / दिनेश जुगरान
- अपना ही तमाशबीन-1 / दिनेश जुगरान
- अपना ही तमाशबीन-2 / दिनेश जुगरान
- दरवाजे़ पर साँकल / दिनेश जुगरान
- मुसी हुई तस्वीर / दिनेश जुगरान
- उसी तरह बहने देना / दिनेश जुगरान
- स्व के छन्द में / दिनेश जुगरान
- बिना छायावाले वृक्षों की कतार / दिनेश जुगरान
- दरवाज़ों का नाम नहीं है / दिनेश जुगरान
- एक मातम में बुलाना चाहता हूँ / दिनेश जुगरान
- अपनी ही सरहदों में / दिनेश जुगरान
- मेरे मकान के आगे / दिनेश जुगरान
- पत्थर को उठाकर / दिनेश जुगरान
- मौसम की बात / दिनेश जुगरान
- पृथ्वी नीचे दिखती है / दिनेश जुगरान
- तुम ही होते हो रिक्त / दिनेश जुगरान
- सड़क आईना है / दिनेश जुगरान
- यह अंधकार सार्वजनिक है / दिनेश जुगरान
- एक ख़ाली हाथ / दिनेश जुगरान
- रामदीन-1 / दिनेश जुगरान
- रामदीन-2 / दिनेश जुगरान
- ज़हरीली हवा / दिनेश जुगरान
- माफ़ करना बापू! / दिनेश जुगरान
- सुबह के उजाले की परछाईं / दिनेश जुगरान
- ऐसा कोई भी पुल / दिनेश जुगरान
- शहर में मृत्यु / दिनेश जुगरान
- नई गंध / दिनेश जुगरान
- आँखें चुभती हैं / दिनेश जुगरान
- गुज़रते हैं ऐसे में / दिनेश जुगरान
- चिड़िया के गीत की धुन / दिनेश जुगरान
- रास्ते का पता / दिनेश जुगरान
- होती है एक सीमा / दिनेश जुगरान
- घर की तरफ़ / दिनेश जुगरान
- पत्थर जो मिल के रहते हैं / दिनेश जुगरान
- विभक्त साया / दिनेश जुगरान
- परछाइयों की बाड़ / दिनेश जुगरान