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"सच कहना यूँ अंगारों पर चलना होता है / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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* [[भूमिका / सच कहना यूँ अंगारों पर चलना होता है]]
 
* [[भूमिका / सच कहना यूँ अंगारों पर चलना होता है]]
 
* [[सोचता हूँ प्यास ये कैसे बुझाऊँ / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[सोचता हूँ प्यास ये कैसे बुझाऊँ / डी. एम. मिश्र]]
* [[ / डी. एम. मिश्र]]
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* [[अपनी मंज़िल का पता सबसे पूछते आये / डी. एम. मिश्र]]
* [[ / डी. एम. मिश्र]]
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* [[काट दो तो और कल्ले फूटते हैं / डी. एम. मिश्र]]
* [[ / डी. एम. मिश्र]]
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* [आस्तीनों में पलेंगे साँप[ / डी. एम. मिश्र]]
* [[ / डी. एम. मिश्र]]
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* [[रात है पूस की और कपड़े नहीं / डी. एम. मिश्र]]
* [[ / डी. एम. मिश्र]]
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* [[जिनके घर में दौलत की वर्षा होती / डी. एम. मिश्र]]
* [[ / डी. एम. मिश्र]]
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* [[अदब नवाज़ कोई है, कोई सिकंदर है / डी. एम. मिश्र]]
* [[ / डी. एम. मिश्र]]
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* [[जिसको भी देखिए परेशान नज़र आता है / डी. एम. मिश्र]]
* [[ / डी. एम. मिश्र]]
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* [[शहर ये जले तो जले लोग चुप हैं / डी. एम. मिश्र]]
* [[ / डी. एम. मिश्र]]
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* [[जो रो नहीं सकता है वो गा भी नहीं सकता / डी. एम. मिश्र]]
* [[ / डी. एम. मिश्र]]
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* [[जलेगा चमन तो धुआँ भी उठेगा / डी. एम. मिश्र]]
* [[ / डी. एम. मिश्र]]
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* [[हर किसी से मैं पराजित ही रहा / डी. एम. मिश्र]]
* [[ / डी. एम. मिश्र]]
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* [[सच्चाई की सिर्फ़ वकालत करता हूँ / डी. एम. मिश्र]]
* [[ / डी. एम. मिश्र]]
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* [[तुम हो तो संसार सुहाना लगता है / डी. एम. मिश्र]]
* [[ / डी. एम. मिश्र]]
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* [[बात सच्ची थी तो मैं भी अड़ गया / डी. एम. मिश्र]]
* [[ / डी. एम. मिश्र]]
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* [[नफ़रती इंसान से नाता नहीं / डी. एम. मिश्र]]
* [[ / डी. एम. मिश्र]]
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* [[ये हमारे दौर की उपलब्धियाँ / डी. एम. मिश्र]]
* [[ / डी. एम. मिश्र]]
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* [[समझ रहे हम भी उसकी चतुराई को / डी. एम. मिश्र]]
* [[ / डी. एम. मिश्र]]
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* [[हादसों के नगर में चले जा रहे / डी. एम. मिश्र]]
* [[ / डी. एम. मिश्र]]
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* [[पत्थरों से तो सर बचा आये / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[ / डी. एम. मिश्र]]
 
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21:26, 2 मार्च 2025 का अवतरण

सच कहना यूँ अंगारों पर चलना होता है
Sach kahna.jpg
रचनाकार डी. एम. मिश्र
प्रकाशक श्वेतवर्णा प्रकाशन, नई दिल्ली
वर्ष 2025
भाषा हिंदी
विषय ग़ज़ल संग्रह
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 120
ISBN 978-93-49136-88-5
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