भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"विनय मिश्र" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 26: | पंक्ति 26: | ||
* [[यहाँ तो ख़ामुशी पहले से तय है / विनय मिश्र]] | * [[यहाँ तो ख़ामुशी पहले से तय है / विनय मिश्र]] | ||
* [[फूल की बातें सुनाकर वो गया / विनय मिश्र]] | * [[फूल की बातें सुनाकर वो गया / विनय मिश्र]] | ||
− | * [[रौशनी जबकि | + | * [[रौशनी जबकि मारों में है / विनय मिश्र]] |
* [[बेगुनाही की सज़ा पाता रहा / विनय मिश्र]] | * [[बेगुनाही की सज़ा पाता रहा / विनय मिश्र]] | ||
* [[तुम चलो या मत चलो कानून से / विनय मिश्र]] | * [[तुम चलो या मत चलो कानून से / विनय मिश्र]] |
21:52, 25 फ़रवरी 2011 का अवतरण
विनोद कुमार
जन्म | 12 अगस्त 1966 |
---|---|
उपनाम | |
जन्म स्थान | देवरिया उत्तर प्रदेश, भारत । |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
विनय मिश्र / परिचय |
<sort order="asc" class="ul">
- नहीं यूँ ही हवा बेकल है मुझमें / विनय मिश्र
- रौशनी है बुझी-बुझी अब तक / विनय मिश्र
- गिरने न दिया मुझको हर बार सँभाला है / विनय मिश्र
- एक सुबह की भरी ताज़गी अब भी है / विनय मिश्र
- पूरब की ओर मुँह किए सूरजमुखी के फूल / विनय मिश्र
- रौशनी जैसे अंधेरा बो गई / विनय मिश्र
- जीने की दरकार रहे / विनय मिश्र
- तीरगी में रोशनी का हौसला बढ़ता रहा / विनय मिश्र
- अगर है ज़िंदगी तो ज़िंदगी बोलती जाए / विनय मिश्र
- जैसे महका फूल लगे / विनय मिश्र
- इतनी तेज़ हवाएँ दे / विनय मिश्र
- यहाँ तो ख़ामुशी पहले से तय है / विनय मिश्र
- फूल की बातें सुनाकर वो गया / विनय मिश्र
- रौशनी जबकि मारों में है / विनय मिश्र
- बेगुनाही की सज़ा पाता रहा / विनय मिश्र
- तुम चलो या मत चलो कानून से / विनय मिश्र
- धूल में मिल रही शराफ़त / विनय मिश्र
- हीला और हवाला दे / विनय मिश्र
- ख़ुद से पूछूँ मैं कैसे / विनय मिश्र
- सब कुछ पाकर खोने वाले / विनय मिश्र
- खुरदरी सच्चाइयों से भर गया / विनय मिश्र
- क़त्ल का इलज़ाम मेरे सिर पे है / विनय मिश्र
- / विनय मिश्र
- / विनय मिश्र
- / विनय मिश्र
- / विनय मिश्र
- / विनय मिश्र
</sort>