भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"उमाकांत मालवीय" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (→कविताएँ और नवगीत) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (→कविताएँ और नवगीत) |
||
पंक्ति 36: | पंक्ति 36: | ||
* [[दिन भले ही बीत जाएँ क्वार के / उमाकांत मालवीय]] | * [[दिन भले ही बीत जाएँ क्वार के / उमाकांत मालवीय]] | ||
* [[दिन यों ही बीत गया ! / उमाकांत मालवीय]] | * [[दिन यों ही बीत गया ! / उमाकांत मालवीय]] | ||
+ | * [[दिन बौने हो गए / उमाकांत मालवीय]] | ||
* [[नाकाफ़ी लगती है हर ज़बान / उमाकांत मालवीय]] | * [[नाकाफ़ी लगती है हर ज़बान / उमाकांत मालवीय]] | ||
* [[पल्लू की कोर दाब दाँत के तले / उमाकांत मालवीय]] | * [[पल्लू की कोर दाब दाँत के तले / उमाकांत मालवीय]] |
01:44, 4 जनवरी 2023 के समय का अवतरण
उमाकांत मालवीय
जन्म | 02 अगस्त 1931 |
---|---|
निधन | 11 नवम्बर 1982 |
जन्म स्थान | मुम्बई, महाराष्ट्र, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
मेंहदी और महावर, एक चावल नेह रींधा, सुबह रक्त पलाश की (नवगीत-संग्रह), चंदा की माँ, पद्य रूपक संग्रह, बजी रणभेरी, मोम की कुर्सी, फूलों की सभा | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
उमाकांत मालवीय / परिचय |
कविता संग्रह
- मेंहदी और महावर / उमाकांत मालवीय
- सुबह रक्त पलाश / उमाकांत मालवीय
- [[एक चावल नेह रींधा / उमाकांत मालवीय]
- टुकड़ा-टुकड़ा औरत / उमाकांत मालवीय
- गीत एक अनवरत नदी है / उमाकांत मालवीय
कविताएँ और नवगीत
- अहेरी / उमाकांत मालवीय
- आ गए फिर चारणों के दिन / उमाकांत मालवीय
- एक चाय की चुस्की / उमाकांत मालवीय
- कभी-कभी बहुत भला लगता है / उमाकांत मालवीय
- गुजर गया एक और दिन / उमाकांत मालवीय
- कभी-कभी / उमाकांत मालवीय
- गंगा मइया / उमाकांत मालवीय
- गीत एक अनवरत नदी है (नवगीत) / उमाकांत मालवीय
- ज़िन्दगी नेपथ्य में गुज़री / उमाकांत मालवीय
- टहनी पर फूल जब खिला / उमाकांत मालवीय
- झण्डे रह जायँगे, आदमी नहीं / उमाकांत मालवीय
- तीन रंग का धन्धा / उमाकांत मालवीय
- दिन बौने हो गए / उमाकांत मालवीय
- दिन भले ही बीत जाएँ क्वार के / उमाकांत मालवीय
- दिन यों ही बीत गया ! / उमाकांत मालवीय
- दिन बौने हो गए / उमाकांत मालवीय
- नाकाफ़ी लगती है हर ज़बान / उमाकांत मालवीय
- पल्लू की कोर दाब दाँत के तले / उमाकांत मालवीय
- प्रतिश्रुत हूँ जीने को / उमाकांत मालवीय
- फागुनी रंगों भरी बयार / उमाकांत मालवीय
- फूल नहीं बदले गुलदस्तों के / उमाकांत मालवीय
- बालू से तेल तुम निचोड़ेगे कब / उमाकांत मालवीय
- भीड़ की ज़रूरत है / उमाकांत मालवीय
- महुआ का मद / उमाकांत मालवीय
- मैं तुम्हारे चरण चिन्हों पर चलूँ / उमाकांत मालवीय
- यह अँजोरे पाख की एकादशी / उमाकांत मालवीय
- ये कैसा देश है / उमाकांत मालवीय
- राम स्मरण का गीत / उमाकांत मालवीय
- सील गई धुधुआती आग में / उमाकांत मालवीय
- सूर्य कभी कौड़ी का तीन नहीं होगा / उमाकांत मालवीय
- हिरनी फेंके ख़ून / उमाकांत मालवीय