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"घर अकेला हो गया / मुनव्वर राना" के अवतरणों में अंतर

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* [[साथ अपने रौनक़ें शायद उठा ले जाएँगे / मुनव्वर राना]]
 
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* [[गौतम की तरह घर से निकल कर नहीं जाते / मुनव्वर राना]]
 
* [[जो उसने लिक्खे थे ख़त कापियों में छोड़ आए / मुनव्वर राना]]
 
* [[जो उसने लिक्खे थे ख़त कापियों में छोड़ आए / मुनव्वर राना]]
 
* [[फ़रिश्ते आ उनके जिस्म पर ख़ुश्बू लगाते हैं / मुनव्वर राना]]
 
* [[फ़रिश्ते आ उनके जिस्म पर ख़ुश्बू लगाते हैं / मुनव्वर राना]]

20:23, 5 नवम्बर 2009 का अवतरण

घर अकेला हो गया
Ghar akelaa ho gayaa.jpg
रचनाकार मुनव्वर राना
प्रकाशक वाणी प्रकाशन,

21- ए , दरिया गंज नई दिल्ली 110002

वर्ष 2008
भाषा हिन्दी
विषय
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 136
ISBN 978-81-8143-978-9
विविध
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