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विमल कुमार
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विमल कुमार
जन्म | 09 दिसंबर 1960 |
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जन्म स्थान | गंगाढ़ी, रोहतास, सासाराम, बिहार, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
सपने में एक औरत से बातचीत (1992); यह मुखौटा किसका है (2002), पानी का दुखड़ा (कविता-संग्रह)। चाँद@आसमान.कॉम (उपन्यास)
चोर-पुराण (नाटक) कॉलगर्ल (कहानी-संग्रह) | |
विविध | |
रूसी भाषा में कविताएँ अनूदित। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार (1986), प्रकाश जैन स्मृति पुरस्कार (1990) दिल्ली हिन्दी अकादमी का पुरस्कार ठुकराया (2010) बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान, शरद बिल्लौरे सम्मान। | |
जीवन परिचय | |
विमल कुमार / परिचय |
कविता संग्रह
- सपने में एक औरत से बातचीत / विमल कुमार
- यह मुखौटा किसका है / विमल कुमार
- पानी का दुखड़ा / विमल कुमार
- बेचैनी का सबब / विमल कुमार
कविताएँ
- प्रेम केवल आलिंगन नहीं है / विमल कुमार
- मेरे लिए तुम / विमल कुमार
- गवाही / विमल कुमार
- रसोईघर ही था मेरा दफ़्तर / विमल कुमार
- मैं तुम्हे जब खोज लूँगा / विमल कुमार
- साथ-साथ / विमल कुमार
- हँसी / विमल कुमार
- बिस्तर पर सात कविताएँ / विमल कुमार
- नदी और पुल / विमल कुमार
- अपनी बात कहता हूँ / विमल कुमार
- सपने ख़त्म नहीं हुए / विमल कुमार
- दया / विमल कुमार
- आस में हूँ / विमल कुमार
- बादल आ गए हैं / विमल कुमार
- तारे हैं / विमल कुमार
- स्थगित लड़ाई / विमल कुमार
- ख़ुशबू / विमल कुमार
- बारिश और बिल्ली / विमल कुमार
- ज़ख़्मों की रोशनाई / विमल कुमार
- राख से जन्म / विमल कुमार
- नए आदमी से मुलाक़ात / विमल कुमार
- तुम मेरी क़िताब हो / विमल कुमार
- बिना तकिए के प्यार / विमल कुमार
- अलबम के आँसू / विमल कुमार
- सभ्य भेड़िए / विमल कुमार
- बिस्तर / विमल कुमार
- गवाही / विमल कुमार
- नहीं बना सका तुम्हें / विमल कुमार
- गर्मी में एक पंखे की तरह / विमल कुमार
- आत्मा से प्रेम / विमल कुमार
- राष्ट्रभक्त / विमल कुमार
- सर्वानुमति / विमल कुमार
- वे / विमल कुमार
- शब्दों का ताजमहल / विमल कुमार
- अधूरा प्यार / विमल कुमार
- अपरिवर्तित प्रेम / विमल कुमार
- मैं तुम्हे मरने नहीं दूंगा, देवी! / विमल कुमार
- किस तरह के दुख हैं तुम्हारे जीवन में / विमल कुमार
- 18 मार्च / विमल कुमार
- क्या नए साल में मिलोगी? / विमल कुमार
- प्यार मेरे लिए सिर्फ एक उम्मीद का नाम है / विमल कुमार
- मैं ही हूँ गुनहगार / विमल कुमार
- मेरे पास कुछ शब्द बचे हैं / विमल कुमार
- मिस एफ.डी.आई. मेरी जान... / विमल कुमार
- वह कौन थी जो आई थी मुझसे मिलने नीचे से अचानक टेलीफोन करके / विमल कुमार
- सब कुछ दे दूँगा पर / विमल कुमार
- स्मृतियाँ आती हैं... / विमल कुमार
- सोने की इस मरी हुई चिड़िया को बेच कर चला जाऊँगा / विमल कुमार