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सुजीत कुमार 'पप्पू'
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सुजीत कुमार 'पप्पू'
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जन्म | 26 मई 1978 |
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जन्म स्थान | नरगी जीवनाथ, मुजफ्फरपुर, बिहार |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
निर्मल-अनुपम फाउंडेशन मुजफ्फरपुर द्वारा यूथ आइकॉन अवार्ड (2019), भारतीय साहित्यकार संसद, समस्तीपुर (बिहार) द्वारा आचार्य रामचंद्र शुक्ल राष्ट्रीय शिखर साहित्य सम्मान (2009), लोक सांस्कृतिक चेतना मंच, हाजीपुर (वैशाली) द्वारा बाबू वीर कुंवर सिंह स्मृति सम्मान (2007), श्रवणबेलगोला मठ, हासन (कर्नाटक) द्वारा भगवान महावीर स्वामी स्मृति सम्मान (2006) | |
जीवन परिचय | |
सुजीत कुमार 'पप्पू' / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- नवबहार लेकर परदेसी कंत आया क्या / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- दिन आ गए बहार के इकरार कीजिए / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- ज़रा-सी अलग है कहानी हमारी / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- मुहब्बत नशा है निहारा करेगा / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- नए साल पर भी शरारत हुई है / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- आकर मेरे करीब न शरमाइए हुज़ूर / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- नसीहत हमारी हिदायत नहीं है / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- तारीफ़ न पूछो उसकी वो तो महबूबा लगती है / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- मेरी हमदर्द ऐसी है नमक ग़म को लगाती है / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- सरस जीवन में बेरहमी उसे नीरस बनाती है / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- दर्द का खेलना आप भी देखिए / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- सबको हंसाते रहते हैं / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- दुनिया में है ख़ूब अलग अभिमान तिरंगा झंडे का / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- पूरी कहां होती है हसरत दोस्तों / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- हर दिन उनसे क्यूं मिलने का मन करता है / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- तेरी मेरी ये कहानी ख़ूब ख़ूबाँ / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- चाहे लाख दबाओ दिख जाते हैं दिखने वाले लोग / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- आसान नहीं होठों तक लाना बात वही / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- मोहब्बत का एक नज़रिया चुप्पी भी हो सकती है / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- जिन्हें हमने संवारा है नहीं उनको गवारे हम / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- ग़म को खाना पड़ता है आंसू को पीना पड़ता है / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- प्यार भूलते गए अज़ीज़ भूलते गए / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- ख़्वाब देखने का भी सिलसिला ज़रूरी है / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- बनाते रहे वो बहाने हज़ारों / सुजीत कुमार 'पप्पू'
- देखते-ही-देखते कोरोना-काल गुज़र गया / सुजीत कुमार 'पप्पू'