राजेंद्र नाथ 'रहबर'
जन्म | 05 नवम्बर 1931 |
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उपनाम | रहबर |
जन्म स्थान | शकरगढ़,पंजाब (अब पाकिस्तान में) |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
मल्हार, तेरे ख़ुश्बू में बसे ख़त, और शाम ढल गई, याद आऊँगा | |
विविध | |
पंजाब सरकार के सर्वोच्च सम्मान शिरोमणि साहित्यकार पुरस्कार (2010) से सम्मानित। | |
जीवन परिचय | |
राजेंद्र नाथ रहबर / परिचय |
रचना संग्रह
- याद आऊँगा / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- तेरे ख़ुशबू में बसे ख़त / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- जेबे-सुख़न / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- मल्हार / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- कलस / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- और शाम ढल गई / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
ग़ज़लें
- तुम जन्नते कश्मीर हो तुम ताज महल हो / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- दिल को जहान भर के मुहब्बत में गम़ मिले / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- फेर कर मुंह आप मेरे सामने से क्या गये / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- दिल ने जिसे चाहा हो क्या उस से गिला रखना / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- जो शख्स़ भी तहज़ीबे-कुहन छोड़ रहा है / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- भला ऐसी भी आख़िर बेरुख़ी क्या / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- तय करें मिल के हम तुम ब`हम रास्ता / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- ईद का चांद हो गया है कोई / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- करते रहेंगे हम भी ख़ताएं नई नई / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- सफ़र को छोड़ कश्ती से उतर जा / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- क्या क्या सवाल मेरी नज़र पूछती रही / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- यही है जग की रीत पपीहे / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- मर्क़जे-हर निगाह बन जाओ / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- क्या करे एतिबार अब कोई / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- किसी तन्हा जज़ीरे पर उतर जा / राजेंद्र नाथ रहबर
- शाम कठिन है रात कड़ी है / राजेंद्र नाथ रहबर
- किस ने दिल के मिज़ाज को जाना / राजेंद्र नाथ रहबर
- कल तक था नाम जिनका बदनाम बस्तियों में / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- मेरे ख़याल-सा है, मेरे ख़्वाब जैसा है / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- आईना सामने रक्खोगे तो याद आऊँगा / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- देखें वो कब शाद करे है / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- नतीजा कुछ न निकला उनको हाल-दिल सुनाने का / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- तू कृष्ण ही ठहरा तो सुदामा का भी कुछ कर / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- दुनिया को हमने गीत सुनाये हैं प्यार के / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- फेंका था जिस दरख़्त को कल हमने काट के / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- जिस्मो-जां घायल, परे-परवाज़ हैं टूटे हुए / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- क्या उनसे आज अपनी मुलाक़ात हो गई / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- किसको ऐ दिल याद करे है / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- मेरे जितने क़हक़हे थे आंसुओं तक आ गए / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- तुम्हारा हुस्न महकते गुलाब जैसा है / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- छब्बीस जनवरी है बड़ा दिन महान है / राजेंद्र नाथ 'रहबर'