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श्रेणी:छंद
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कविता कोश में छंद
"छंद" श्रेणी में पृष्ठ
इस श्रेणी में निम्नलिखित 39 पृष्ठ हैं, कुल पृष्ठ 439
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व
विष्णु विनय / शब्द प्रकाश / धरनीदास
विष्णु विनय 2 / शब्द प्रकाश / धरनीदास
विष्णु-विनय 1 / शब्द प्रकाश / धरनीदास
वैराग्य 3 / शब्द प्रकाश / धरनीदास
व्रजमंडल नभ में उमड़-घुमड़ घिर आए आषाढ़ी बादल / प्रेम नारायण 'पंकिल'
श
शरीर का हल / शब्द प्रकाश / धरनीदास
शील सन्तोष / शब्द प्रकाश / धरनीदास
शृंगार-लतिका / द्विज
श्री राधामाधव / छन्द 1-10 / सुरेश कुमार शुक्ल 'संदेश'
श्री राधामाधव / छन्द 11-20 / सुरेश कुमार शुक्ल 'संदेश'
श्री राधामाधव / छन्द 21-30 / सुरेश कुमार शुक्ल 'संदेश'
श्री राधामाधव / छन्द 31-40 / सुरेश कुमार शुक्ल 'संदेश'
श्री राधामाधव / छन्द 41-50 / सुरेश कुमार शुक्ल 'संदेश'
श आगे.
श्री राधामाधव / छन्द 51-60 / सुरेश कुमार शुक्ल 'संदेश'
श्री राधामाधव / छन्द 61-70 / सुरेश कुमार शुक्ल 'संदेश'
श्री राधामाधव / छन्द 71-80 / सुरेश कुमार शुक्ल 'संदेश'
श्री राधामाधव / छन्द 81-90 / सुरेश कुमार शुक्ल 'संदेश'
श्री राधामाधव / छन्द 91-105 / सुरेश कुमार शुक्ल 'संदेश'
श्री रामानन्द के शिष्य / शब्द प्रकाश / धरनीदास
श्री विनोदानन्द स्वर्गवास तिथि / शब्द प्रकाश / धरनीदास
स
सच्चा योगी / शब्द प्रकाश / धरनीदास
सच्चा वैरागी / शब्द प्रकाश / धरनीदास
साँवरे की मनुहार / ऋता शेखर 'मधु'
साधु की काया / शब्द प्रकाश / धरनीदास
साधुजन / शब्द प्रकाश / धरनीदास
सिक्ता कर रही सुरंग चूनरी ऋतु पावसी निगोड़ी थी / प्रेम नारायण 'पंकिल'
स आगे.
सिधवाइ अछरा लीला / शब्द प्रकाश / धरनीदास
सुधि करो कहा था तुमने ही "चाहता नहीं कुछ और प्रिये! / प्रेम नारायण 'पंकिल'
सुधि करो प्राण थी अंकगता किसलय काया अधखुले नयन। / प्रेम नारायण 'पंकिल'
सुधि करो प्राण पूछा तुमने " वह पीर प्रिये क्या होती है / प्रेम नारायण 'पंकिल'
सुधि करो प्राण पूछा तुमने "क्यों मौन खड़ी ब्रजबाला हो? / प्रेम नारायण 'पंकिल'
सुन्दर मन से नेह / शब्द प्रकाश / धरनीदास
सुबरन बरन सु सुबरननि / प्रवीणराय
सो कायथ हम नाहिँ / शब्द प्रकाश / धरनीदास
सोने की एक लता तुलसी बन क्योँ बरनोँ सुनि बुद्धि सकै छ्वै / केशव.
स्वविषय (गुरु जन) / शब्द प्रकाश / धरनीदास
स्वविषय / शब्द प्रकाश / धरनीदास
ह
हरि हाँस / शब्द प्रकाश / धरनीदास
हवा चल रही है अभी मौसमी / बाबा बैद्यनाथ झा
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