जग रो लेखो
रचनाकार | कुंदन माली |
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प्रकाशक | शिल्पी प्रकाशन, जयपुर |
वर्ष | 1991 |
भाषा | राजस्थानी |
विषय | |
विधा | मुक्त छंद |
पृष्ठ | 80 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- च्यारू म्हेर / कुंदन माली
- अंदाजो / कुंदन माली
- धोलो-पंखेरू / कुंदन माली
- के होवतो ? / कुंदन माली
- गुणीजन-झांकी / कुंदन माली
- रंग-ढंग / कुंदन माली
- दुनिया आगै वधगी / कुंदन माली
- कोयलां रा करम / कुंदन माली
- नतीजो / कुंदन माली
- ठौड़ ठिकाणो / कुंदन माली
- इण घर रा रैवणिया / कुंदन माली
- दीठभेद / कुंदन माली
- नूंवे रो थापन / कुंदन माली
- जग रो लेखो (शीर्षक) / कुंदन माली
- करमैतो / कुंदन माली
- दुनिया, माँ रै पाछै चालै / कुंदन माली
- सावचेत / कुंदन माली
- चिड़कली रो बुढ़ापो / कुंदन माली
- किण नै पूछां ? / कुंदन माली
- दाग / कुंदन माली
- बदलाव / कुंदन माली
- सोचवा री वात / कुंदन माली
- भाटो करै दौड़धाम / कुंदन माली
- संका / कुंदन माली
- आज री भारमली / कुंदन माली
- होड़ाहोड़ / कुंदन माली
- लेखजोग / कुंदन माली
- दूर देस रा पांवणां / कुंदन माली
- तीतर नूंवे जमानै रो / कुंदन माली
- अकल-हुसियारी / कुंदन माली
- बादल बिरखा बिजली / कुंदन माली
- मठ-महाराज री बात / कुंदन माली
- जग रो रूप-सरूप / कुंदन माली
- चेतावणी / कुंदन माली
- बालपणो / कुंदन माली
- पाग / कुंदन माली
- गांधी-मारग / कुंदन माली
- दुनियादारी / कुंदन माली
- झूंपड़ी (1) / कुंदन माली
- झूंपड़ी (2) / कुंदन माली
- झूंपड़ी (3) / कुंदन माली
- झूंपड़ी (4) / कुंदन माली
- झूंपड़ी (5) / कुंदन माली
- पीपल-गाथा / कुंदन माली
- दुनिया दीखै / कुंदन माली
- ठावो-ठेको / कुंदन माली
- अन्दाता रो भाग / कुंदन माली
- दिल्ली कित्ती दूर ? / कुंदन माली
- सुभाव / कुंदन माली
- हरि करै सो ..... / कुंदन माली
- आंतरो / कुंदन माली
- भोली आतमा / कुंदन माली