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आवाज़ हो यह आख़िरी / बाबा बैद्यनाथ झा
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आवाज़ हो यह आख़िरी
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रचनाकार | बाबा बैद्यनाथ झा |
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इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- अन्याय बढ़ रहा है मिलकर इसे हटाएँ / बाबा बैद्यनाथ झा
- आप सच जान सकेंगे तो भलाई होगी / बाबा बैद्यनाथ झा
- जंग जब छिड़ ही गयी तो धैर्य को मत त्यागिए / बाबा बैद्यनाथ झा
- मिला आज मौक़ा गँवाना नहीं / बाबा बैद्यनाथ झा
- सही संदेश ही अक्सर हमारे काम आते हैं / बाबा बैद्यनाथ झा
- कभी न भाव में उठते खुमार देखा है / बाबा बैद्यनाथ झा
- अगर मेघ गरजे बरसता नहीं / बाबा बैद्यनाथ झा
- मिले स्वर अनोखा अगर कान में / बाबा बैद्यनाथ झा
- मिले दर्द जब भी बताना ज़रूरी / बाबा बैद्यनाथ झा
- स्वर भंग मधुर आवाज़ अभी / बाबा बैद्यनाथ झा
- गुलाबी होठ को अपने जो पैमाना बना डाला / बाबा बैद्यनाथ झा
- कैसा रहा वह अब तलक इन्सान देखते / बाबा बैद्यनाथ झा
- दूर में दिखता किनारा तो कहो वह क्या करे / बाबा बैद्यनाथ झा
- समय बहुमूल्य है इसको नहीं नाहक़ गँवाना है / बाबा बैद्यनाथ झा
- नित्य प्रातःकाल उगता सूर्य जब हँसता हुआ / बाबा बैद्यनाथ झा
- काम कोई ठोस हो स्वप्निल नहीं / बाबा बैद्यनाथ झा
- अगर आप कह दें मुहब्बत नहीं है / बाबा बैद्यनाथ झा
- गीत ग़ज़लें थे सिखाते रोज़ किंकर जी / बाबा बैद्यनाथ झा
- द्वेष का उपचार करना चाहता हूँ / बाबा बैद्यनाथ झा
- जो मुझे ग़ज़लें सिखा दे दोस्त क़ाबिल ढूँढता हूँ / बाबा बैद्यनाथ झा