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23:58, 5 जून 2020 का अवतरण
विजय किशोर मानव
जन्म | 09 अक्तूबर 1950 |
---|---|
उपनाम | मानव |
जन्म स्थान | कानपुर, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
आँधी में यात्रा (2009), गाती आग के साथ (1995), आँखें खोलो (2005) | |
विविध | |
ऋतुराज सम्मान, कइति सम्मान, मैसूर हिन्दी साहित्य सम्मेलन सम्मान सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मान और पुरस्कार से से विभूषित। | |
जीवन परिचय | |
विजय किशोर मानव / परिचय |
रचना-संग्रह
- आँधी में यात्रा / विजय किशोर मानव (कविता-संग्रह)
- गाती आग के साथ / विजय किशोर मानव (नवगीत-संग्रह)
- आँखें खोलो / विजय किशोर मानव (ग़ज़ल-संग्रह)
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- पाकर जल उधार का, सारा गाँव डुबो दे / विजय किशोर मानव
- घर पड़ोसी का जला, हम चुप रहे / विजय किशोर मानव
- राजा को सब क्षमा है / विजय किशोर मानव
- तुम्हारी शव-यात्रा से लौटकर / विजय किशोर मानव
- सम्बंध / विजय किशोर मानव
- यज्ञ की राख / विजय किशोर मानव
- सच्चाइयाँ / विजय किशोर मानव
- यात्रा / विजय किशोर मानव
- इतिहास / विजय किशोर मानव
- भाषा / विजय किशोर मानव
- घर / विजय किशोर मानव
- साझे की नींद / विजय किशोर मानव
- शोक / विजय किशोर मानव
- नुमाइश / विजय किशोर मानव
- स्मारक / विजय किशोर मानव
- जलती आँखें कसी मुट्ठियाँ / विजय किशोर मानव
- घुटन से भरी-भरी / विजय किशोर मानव
- पाला मारे खेत / विजय किशोर मानव
- गाँव छोड़ा शहर आए / विजय किशोर मानव
- चोटें / विजय किशोर मानव
- बौने हुए विराट हमारे गाँव में / विजय किशोर मानव
- आना देखा, जाना देखा / विजय किशोर मानव
- इतने फंदों में झूलकर भी प्रान हैं बाक़ी / विजय किशोर मानव
- अपनी पहचान हो वो शहर चाहिए / विजय किशोर मानव
- परनाले की ईंट लगी छत पर देखो / विजय किशोर मानव
- मेरी आँखों में झांककर देखें / विजय किशोर मानव
- थोड़ा-सा पानी है वह भी सुर्ख़ लाल है / विजय किशोर मानव
- अश्क आँखों में रोककर मैंने / विजय किशोर मानव
- कहाँ हुए नहीं ग़दर किसी से पूछो तो / विजय किशोर मानव
- सारी उम्र नदी के कटते हुए किनारे देखे हैं / विजय किशोर मानव
- चेहरे शाह शरीर ग़ुलामों के / विजय किशोर मानव
- बाग़ी सारे सवाल कैसे दिन हैं / विजय किशोर मानव
- आँख खुली घेरती सलाखें हमको मिलीं / विजय किशोर मानव
- ग़ुम लिफ़ाफ़ों की तरह शहर-दर-शहर फिरना / विजय किशोर मानव