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"मुक्ति-द्वार के सामने / प्रताप सहगल" के अवतरणों में अंतर

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'''अपने नाती के लिए'''
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|रचनाकार=[[प्रताप सहगल]]
जब मेघ आता है घर में
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|प्रकाशक=अमरसत्य प्रकाशन (किताबघर प्रकाशन का उपक्रम), प्रीत विहार, नई दिल्ली
घर में लाखों तारों और चंद्रमाओं की
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|वर्ष=2012
उजास आ जाती है
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|भाषा=हिन्दी
जब मेघ आता है घर में
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घर की दीवारों के पोर-पोर से
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संगीत झरने लगता है
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जब मेघ आता है घर में  
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छतों से भूर गिरने लगती है  
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|विविध=कवि का सातवाँ कविता संग्रह
रजनीगंधा महक उठती है उसी वक़्त
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}}
मुस्कराने लगता है हरसिंगार
+
* [[मुक्ति-द्वार के सामने (कविता) / प्रताप सहगल]]
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* [[पसोपेश में / प्रताप सहगल]]
जब मेघ आता है घर में
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* [[हदों से बाहर भी होता है शब्द / प्रताप सहगल]]
घोडों की टापों से भर जाता है घर
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* [[कुछ समझा आपने? / प्रताप सहगल]]
क्रिकेट की पिच बन जाता है
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* [[एक कहानी / प्रताप सहगल]]
घर का दालान
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* [[कायाकल्प / प्रताप सहगल]]
और फुटबाल का मैदान हो जाती है
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* [[शक्ति कहाँ है? / प्रताप सहगल]]
घर की छत
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* [[बाज़ार से हम बच नहीं सकते / प्रताप सहगल]]
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* [[एक बच्चे की मौत / प्रताप सहगल]]
जब मेघ आता है घर में  
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* [[विरोधी ध्रुवों के बीच / प्रताप सहगल]]
अतियों के झूले
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* [[मायाजाल  / प्रताप सहगल]]
स्थिर हो जाते हैं
+
* [[समय में चिड़िया / प्रताप सहगल]]
एक संतुलन बना कर
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* [[रचने की शर्त / प्रताप सहगल]]
और
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* [[मेरा होना बना रहेगा / प्रताप सहगल]]
अहम् की गाँठें
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* [[पिता की याद में / प्रताप सहगल]]
टूट-टूट जाती हैं
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* [[रक्तचाप / प्रताप सहगल]]
कितने-कितने आकाशों की सलवटें
+
* [[कशमकश / प्रताप सहगल]]
ब्रह्मांडों के तनाव
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* [[अर्थहीन नहीं है सब / प्रताप सहगल]]
टूटने लगते हैं मेघ के पाँवों के अंगूठों की नोंक पर
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* [[दुरमुट / प्रताप सहगल]]
+
* [[उत्तर-कथा (1) / प्रताप सहगल]]
जब मेघ आता है घर में
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* [[उत्तर-कथा (2) / प्रताप सहगल]]
तब मैं  सचमुच मैं नहीं होता
+
* [[अहम् अस्मि / प्रताप सहगल]]
पता नहीं चलता
+
* [[यक्ष-प्रश्न / प्रताप सहगल]]
और मैं गुज़र जाता हूँ
+
* [[घुड़दौड़ / प्रताप सहगल]]
युगों और कल्पों के अनुभवों के बीच
+
* [[इस रिश्ते को क्या नाम दूँ / प्रताप सहगल]]
तब सारा संसार
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* [[मेरी भूमिका / प्रताप सहगल]]
मेघमय हो जाता है
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* [[चलो / प्रताप सहगल]]
हम होतें हैं मेघ की बाल-यात्रा के
+
* [[रिश्ता एक पेड़ है / प्रताप सहगल]]
भोक्ता
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* [[स्त्री-पुरुष / प्रताप सहगल]]
सचमुच हमें पता नहीं चलता
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* [[मालूम नहीं / प्रताप सहगल]]
कि हम एक मुक्ति-द्वार के सामने हैं
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* [[एक ज़िंदा अहसास / प्रताप सहगल]]
</poem>
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* [[कबूतर और मैं (1) / प्रताप सहगल]]
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* [[कबूतर और मैं (2) / प्रताप सहगल]]
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* [[कबूतर और मैं (3) / प्रताप सहगल]]
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* [[कबूतर और मैं (4) / प्रताप सहगल]]
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* [[बच्चे बड़े हो रहे हैं / प्रताप सहगल]]
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* [[बच्चों ने चहचहाना सीख लिया है / प्रताप सहगल]]
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* [[घर / प्रताप सहगल]]
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* [[तोता और आज़ादी / प्रताप सहगल]]

10:14, 14 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

मुक्ति-द्वार के सामने
Mukti-dwar-ke-saamne.jpeg
रचनाकार प्रताप सहगल
प्रकाशक अमरसत्य प्रकाशन (किताबघर प्रकाशन का उपक्रम), प्रीत विहार, नई दिल्ली
वर्ष 2012
भाषा हिन्दी
विषय
विधा
पृष्ठ 84
ISBN 978-81-88466-97-9
विविध कवि का सातवाँ कविता संग्रह
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।