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"घर-आँगन (रुबाइयाँ) / जाँ निसार अख़्तर" के अवतरणों में अंतर

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* [[तेरे लिये बेताब हैं अरमाँ कैसे / जाँ निसार अख़्तर]]
 
* [[तेरे लिये बेताब हैं अरमाँ कैसे / जाँ निसार अख़्तर]]
 
* [[आँगन में खिले गुलाब पर जा बैठी / जाँ निसार अख़्तर]]
 
* [[आँगन में खिले गुलाब पर जा बैठी / जाँ निसार अख़्तर]]
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* [[अब तक वही बचने की सिमटने की अदा / जाँ निसार अख़्तर]]
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* [[दरवाजे की खोलने उठी है ज़ंजीर / जाँ निसार अख़्तर]]
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* [[क्यों हाथ जला, लाख छुपाए गोरी / जाँ निसार अख़्तर]]
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* [[चुप रह के हर इक घर की परेशानी को / जाँ निसार अख़्तर]]
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* [[जज़्बों की गिरह खोल रही हो जैसे / जाँ निसार अख़्तर]]

14:15, 19 अक्टूबर 2009 का अवतरण


घर-आँगन (रुबाइयाँ)
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रचनाकार जाँ निसार अख़्तर
प्रकाशक
वर्ष
भाषा हिन्दी
विषय
विधा
पृष्ठ
ISBN
विविध
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