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"दर्द आशोब / फ़राज़" के अवतरणों में अंतर

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*[[दोस्त बन कर भी नहीं साथ निभाने वाला / फ़राज़]]
 
*[[दोस्त बन कर भी नहीं साथ निभाने वाला / फ़राज़]]
 
*[[ये आलम शौक़ का देखा न जाए / फ़राज़]]
 
*[[ये आलम शौक़ का देखा न जाए / फ़राज़]]
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*[[ख़ुदग़रज़ / फ़राज़]]
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*[[वाबस्तगी / फ़राज़]]
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*[[दिल भी बुझा हो शाम की परछाइयाँ भी हों / फ़राज़]]
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*[[जब तेरी याद के जुगनू चमके / फ़राज़]]
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*[[मम्दूह / फ़राज़]]
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*[[पयाम आए हैं उस यारे-बेवफ़ा के मुझे / फ़राज़]]
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*[[बेनियाज़े-ग़मे-पैमाने-वफ़ा हो जाना / फ़राज़]]
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*[[निगारे-गुल / फ़राज़]]
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*[[गुलशुदा शम्ओं का मातम न करो / फ़राज़]]
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*[[दिल में अब ताक़त कहाँ ख़ूँनाबा अफ़्शानी करे / फ़राज़]]
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*[[बेसरो-सामाँ थे लेकिन इतना अन्दाज़ा न था / फ़राज़]]
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*[[तपते सहराओं पे गरजा सरे-दरिया बरसा / फ़राज़]]
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*[[अफ़ई की तरह डसने लगी मौजे-नफ़स भी / फ़राज़]]
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*[[ऐ मेरे बेदर्द शहर / फ़राज़]]
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*[[घर में कितना सन्नाटा है बाहर कितना शोर / फ़राज़]]
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*[[फिर उसी राहगुज़र पर शयद / फ़राज़]]
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*[[अब वो झोंके कहाँ सबा जैसे / फ़राज़]]
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*[[तिर्याक़ / फ़राज़]]

22:38, 9 नवम्बर 2009 का अवतरण

दर्द आशोब
रचनाकार अहमद फ़राज़
प्रकाशक राजकमल प्रकाशन प्रा.लि., 1-बी,नेताजी सुभाष मार्ग, नई दिल्ली 110002
वर्ष 1990
भाषा हिन्दी
विषय ग़ज़लें व नज़्में
विधा ग़ज़ल व नज़्म
पृष्ठ 132
ISBN 81-7178-031-8
विविध
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