भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"फिर कबीर / मुनव्वर राना" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 52: पंक्ति 52:
 
*[[बस इतनी बात पर उसने हमें बलवाई लिक्खा है / मुनव्वर राना]]
 
*[[बस इतनी बात पर उसने हमें बलवाई लिक्खा है / मुनव्वर राना]]
 
*[[क़सम देता है बच्चों की बहाने से बुलाता है / मुनव्वर राना]]
 
*[[क़सम देता है बच्चों की बहाने से बुलाता है / मुनव्वर राना]]
*[[धँसती हुई क़ब्रों की तरफ देख लिया था  / मुनव्वर राना]]
+
*[[धँसती हुई क़ब्रों की तरफ़
 +
देख लिया था  / मुनव्वर राना]]
 
*[[सरक़े का कोई दाग़ जबीं पर नहीं रखता / मुनव्वर राना]]
 
*[[सरक़े का कोई दाग़ जबीं पर नहीं रखता / मुनव्वर राना]]
 
*[[/ मुनव्वर राना]]
 
*[[/ मुनव्वर राना]]
 
*[[/ मुनव्वर राना]]
 
*[[/ मुनव्वर राना]]
 
*[[/ मुनव्वर राना]]
 
*[[/ मुनव्वर राना]]

14:16, 4 नवम्बर 2009 का अवतरण

फिर कबीर
Phir kabeer.jpg
रचनाकार मुनव्वर राना
प्रकाशक रूपांकन, 31, शंकरगंज, किला रोड, इन्दौर-452006
वर्ष 2007
भाषा हिन्दी
विषय
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 120
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
देख लिया था  / मुनव्वर राना]]